प्रदीप शर्मा
भारत में कोरोना वायरस की दस्तक के साथ ही इससे संक्रमित होने वालों लोगों की संख्या में एकाएक उछाल देखने को मिला. स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली स्थित ITBP के क्वारैन्टाइन सेंटर में 21 इटैलियन पर्यटकों में से 15 के कोरोनावायरस से ग्रस्त होने की पुष्टी की है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने प्रेस कांफ्रेंस कर इसकी जानकारी दी. इस तरह भारत में कोरोना वायरस पीड़ितों की संख्या 28 पर पहुंच गई है, जिनमें 16 विदेशी और 12 भारतीय शामिल हैं. उन्होंने बताया कि 14 इटैलियन नागरिक, जयपुर में इटैलियन नागरिकों के संपर्क में आए. इसके अलावा एक भारतीय ड्राइवर कोविड-19 से संक्रमित पाया गया. प्रेस कांफ्रेंस के दौरान डॉ हर्षवर्धन ने अस्पतालों को निर्देश जारी करते हुए कहा सभी संक्रमित लोगों के लिए अलग वार्ड का इंतजाम किया गया गया है, उन्होंने कहा कि सरकार हर संभव कदम उठा रही है. सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की कोरोना वायरस के लक्षणों के लिए जांच की जाएगी।
इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अब भारत आने वाले सभी विदेशियों को कोराना वायरस की जांच से गुजरना होगा. वहीं, देश दुनिया में कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुये सरकार ने दवाओं के मामले में एहतियातन कदम उठाने शुरू कर दिये हैं. देश में दवाओं की कमी नहीं हो इसके लिये सरकार ने मंगलवार को पैरासेटामोल और 25 अन्य दवा सामग्रियों और उनसे बनने वाली दवाओं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया. भारत खुद जेनेरिक दवाओं का सबसे बड़ा विनिर्माता है।
चीन में कोरोना वायरस शुरू होने के बाद से वहां सभी कारखाने बंद है जिसकी वजह से भारत में दवा कंपनियों को जरूरी कच्चा माल नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में देश के भीतर जरूरी दवाओं की कमी को भांपते हुये सरकार ने इनके निर्यात पर पाबंदी लगा दी. डीजीएफटी ने अधिसूचना में कहा है, ‘कुछ खास तरह की सक्रिय औषधीय सामग्री (एपीआई) और उनसे बनने वाले फार्मुलेशंस के निर्यात को तुरंत प्रभाव से प्रतिबंधित किया जाता है. यह प्रतिबंध अगले आदेश तक जारी रहेगा.’