नई दिल्ली : प्रगति मैदान में शनिवार को नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले का आगाज हुआ। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मेले का उद्घाटन किया।
इस मौके पर उन्होंने भारत में पुस्तकों के प्रति लोगों की बढ़ती दिलचस्पी पर खुशी जाहिर की और कहा कि साहित्य में सभी विचारों का निरूपण होना चाहिए और उनका सम्मान किया जाना चाहिए।
जावड़ेकर ने कहा, किताबें हमें जीवन के अहम मूल्य सिखाती हैं। मुझे उम्मीद है कि हम अपने विचारों का आदान-प्रदान करने और साहित्य में सभी विचारों का निरूपण व सम्मान करने में सक्षम हैं। सभी विचारों के प्रति सम्मान भी बढ़ना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि टेलीविजन, इंटरनेट, ई-बुक और हाल ही में ऑडियो बुक के आगमन के बावजूद किताबों ने अपनी लोकप्रियता नहीं खोई है।
उन्होंने कहा, हम एक दिन में सिर्फ 50-60 पृष्ठ ही पढ़ सकते हैं, लेकिन उसमें आनंद आता है। इससे हम नए चिंतन व परिकल्पना से रूबरू होते हैं। किताबों में एक साथ दुनिया के विविध अनुभव मिलते हैं। भारत के लोग पढ़ना पसंद करते हैं और यह चलन देश में निरंतर बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि पिछले साल इस पुस्तक मेले में 12 लाख लोग अनेक स्टॉलों पर पहुंचे थे और उम्मीद है कि वे इस साल उससे भी अधिक तादाद में पहुंचेंगे।
उन्होंने कहा, पुस्तक मेले के इतर अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। मैं नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी) के प्रयासों के नतीजों को देखकर काफी प्रसन्न हूं।
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के तीसरे सबसे बड़े अमीरात शारजाह को इस साल मेले में विशिष्ट अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है।
जावड़ेकर ने कहा कि इस संयुक्त प्रयास से भारत और यूएई के बीच सच्ची दोस्ती और साझेदारी प्रदर्शित हुई है।
शारजाह के डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट रिलेशंस के एग्जिक्यूटिव चेयरमेन शेख फहीम बिन सुल्तान अल कासिमी को उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया गया था।
इस साल मेले में वयस्कों के लिए टिकट का मूल्य 30 रुपये और बच्चों के लिए 20 रुपये रखा गया है। टिकट प्रगति मैदान के गेट नंबर-1 और 10 के अलावा चयनित मेट्रो स्टेशनों पर मिलता है। इसके अलावा टिकट ऑनलाइन भी उपलब्ध है। वरिष्ठ नागरिकों, अशक्त लोगों और स्कूल यूनिफार्म में बच्चों का प्रवेश नि:शुल्क है।