नई दिल्ली : विश्व पुस्तक मेला के दूसरे दिन भारत और संयुक्त अरब अमीरात के प्रमुख प्रकाशकों ने एक पत्र साझा किया, जिसमें अनुवाद संबंधी कार्यो की जरूरत पर जोर दिया गया था। इस दौरान इसके अलावा भारतीय प्रकाशकों को द फेयर्स-2019 के मेहमान प्रतिभागी शारजाह के माध्यम से अफ्रीका में विस्तार करने पर जोर दिया गया।
शारजाह बुक्स अथॉरिटी (एसबीए) के चेयरमैन अहमद अल अमेरी प्रकाशन क्षेत्र में संवाद के लिए एक मंच के तौर पर सातवें सीईओस्पीक को संबोधित कर रहे थे। यह वार्षिक नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला (एनडीडब्ल्यूबीएफ) के साथ आयोजित हुआ था।
संवाद को महत्वपूर्ण बताते हुए इसे भारत और विश्व के बीच विचारों और ज्ञान के जरूरी आदान-प्रदान की सुविधा देने वाला बताते हुए अल अमेरी ने कहा कि भारतीय प्रकाशकों के लिए शारजाह प्रवेशद्वार है। उन्होंने कहा कि पढ़ना और साक्षरता शारजाह की धड़कन है।
उन्होंने कहा कि भारत से अफ्रीका तक ढुलाई करने में 60 दिन लगते हैं, वहीं शारजाह से मात्र दो सप्ताह लगते हैं जो यूएई का तीसरा सबसे बड़ा अमीरात और प्रकाशन के लिए दुनिया में फ्री जोन है।
फिक्की के महासचिव दिलीप चिनॉय ने कहा कि भारत 4.6 अरब डॉलर का पुस्तक बाजार होने के साथ-साथ दुनिया में अंग्रेजी की प्रकाशित पुस्तक का दूसरा सबसे बड़ा प्रकाशक है। उन्होंने कहा कि भारत के अरब देशों में पुस्तक निर्यात का 37 फीसदी यूएई जाता है।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रकाशन बाजारों के लिए महत्वपूर्ण और रचनात्मक मानव श्रम के लिए एक नया मार्ग है।
यहां प्रगति मैदान में आयोजित एनडीडब्ल्यूबीएफ 13 जनवरी को संपन्न होगा।