चंडीगढ़ : हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा को राहत देते हुए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने गुरुवार को गुरुग्राम में जमीन घोटाले की जांच कर रहे न्यायमूर्ति ढींगरा आयोग की रिपोर्ट पर रोक लगा दी है। रिपोर्ट की सीलबंद प्रति देखने वाली खंडपीठ ने कहा कि आयोग की रिपोर्ट को इस तरह लागू नहीं किया जा सकता।
अदालत ने कहा कि हालांकि हरियाणा सरकार द्वारा गठित आयोग दुर्भावनापूर्ण नहीं है। इस मामले में दोनों न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए.के. मित्तल और न्यायमूर्ति ए.एस. ग्रेवाल के आदेशों में राय का टकराव है। पीठ ने अगले आदेश के लिए मामले को उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पास भेज दिया है। पीठ ने कहा कि हुड्डा और अन्य लोगों को कमिशन ऑफ इंक्वायरी एक्ट 1952 की धारा 8 (बी) के तहत नोटिस नहीं भेजे गए।
आदेश में कहा गया कि इस खंड के तहत नए नोटिस भेजे जा सकते हैं। गुरुग्राम में मुख्य व्यावसायिक संपत्तियों के लिए विवादास्पद लाइसेंस प्रदान करने की जांच में एक सदस्यीय न्यायमूर्ति एस.एन. ढींगरा आयोग का गठन मई 2015 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अगुवाई वाली भाजपा सरकार द्वारा किया गया था। इनमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा की भी संपत्ति शामिल है।