पणजी : गोवा पुलिस ने 2018 में यातायात का उल्लंघन करने वाले करीब 7.74 लाख लोगों का चालान किया, जो कि राज्य की 15 लाख आबादी का आधा से ज्यादा हिस्सा है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मुक्तेश चंद्र द्वारा जारी आंकड़ों से इस बात की जानकारी मिली है।
पणजी में सोमवार को एक संवादादाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए वरिष्ठ अधिकारी ने यह भी कहा कि गोवा के पर्यटन में कमी के लिए यातायात पुलिसकर्मियों द्वारा पर्यटकों को परेशान किए जाने को जिम्मेदार ठहराना बेहद बेतुकी बात है।
डीजीपी द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, बीते साल के मुकाबले यातायात उल्लंघनकर्ताओं पर जुर्माना लगाने में 48 फीसदी की भारी वृद्धि दर्ज की गई। उल्लेखनीय रूप से गोवा पुलिस ने (2018 में) यातायात का उल्लंघन करने वाले 7,74,578 का चालान काटा और 9.19 करोड़ रुपये जुर्माने के रूप में वसूले।
2011 की आधिकारिक जनसंख्या के मुताबिक राज्य की आबादी 14.59 लाख है। गोवा में पर्यटकों की संख्या में गिरावट के लिए यातायात पुलिस द्वारा पर्यटकों के कथित उत्पीड़न को जिम्मेदार ठहराने के यात्रा और पर्यटन उद्योग के दावे को बेतुका करार देते हुए चंद्र ने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम पर्यटकों और स्थानीय निवासियों के बीच कोई अंतर नहीं करता है।
उन्होंने मीडिया से कहा, ऐसा कुछ भी नहीं है, जो कहता हो कि विदेशियों को भारत में मोटर वाहन अधिनियम से छूट दी जा रही है। क्या पर्यटन विभाग द्वारा बनाए गए कानून में कहीं भी कहा गया है कि उन्हें छूट दी जाएगी? इसलिए ऐसा कुछ भी नहीं है। सभी को यातायात नियमों का पालन करना है।
उन्होंने कहा, और, अगर एक यातायात अधिकारी यातायात का उल्लंघन करने वाले को दंडित करता है तो फर्क नहीं पड़ता कि वे विदेशी है या वह पर्यटक है या फिर गोवा वासी है। इसलिए उत्पीड़न का कोई सवाल ही नहीं है। चंद्र ने कहा, लोगों को यातायात नियमों का पालन करना चाहिए। बस यही बात है। उन्हें कोई परेशान नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि अगर परेशान करने की कोई विशेष शिकायत आती है तो पुलिस उसकी जांच करेगी।