भोपाल : मध्य प्रदेश में किसान को मरे भले ही एक दशक से ज्यादा का समय गुजर गया हो, मगर वह बैंक और सरकारी रिकार्ड में अब भी कर्जदार बना हुआ है। राज्य में किसान कर्जमाफी के लिए जारी की गई सूचियों में ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं।
नया मामला आगर-मालवा जिले के गघोरनी गांव का है। यहां के किसान पूरन सिंह के पिता का निधन हुए एक दशक से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है, उन पर 12 हजार का कर्ज था। इस कर्ज को पूरन ने अपने नाम करा लिया था। पूरन जब पंचायत में लगी कर्जदारों की सूची देखने गया तो हैरत में पड़ गया, क्योंकि कजदारों की सूची में उसके पिता का भी नाम था।
पूरन सिंह का कहना है कि वह समझ नहीं पा रहा है कि उसके पिता का निधन हुए एक दशक से ज्यादा का वक्त गुजर गया है, कर्ज उसने अपने नाम करा लिया था, फिर पिता का नाम कर्जदारों की सूची में कैसे आ गया।
इसी तरह का मामला गणेशपुरा के चेतन सिंह का है। चेतन के अनुसार, उसके पिता का निधन हुए 12 साल हो गए हैं। उस पर 17 हजार रुपये का कर्ज था, जिसे वह भर चुका है, मगर पिता के नाम पर लगभग पौने दो लाख का कर्ज सूची में बताया गया है। यह कर्ज कैसे उनके नाम आया, यह कोई बताने को तैयार नहीं है।
एक तरफ जहां वर्षो पहले दुनिया छोड़ चुके किसानों को कर्जदार बताया जा रहा है, तो दूसरी ओ पंचायतों के बाहर जो सूची लगाई गई है, वह अंग्रेजी में है, इसी कारण किसान न तो अपना नाम पढ़ पा रहे हैं और न ही उन्हें यह पता चल पा रहा है कि उनके नाम पर कर्ज कितना है। इसके अलावा जिन किसानों का हजारों में कर्ज है, उसमें से 13 रुपये ही माफ किया गया है।
कर्जमाफी में सामने आ रही गड़बड़ियों और किसानों को हो रही परेशानी के मामलों पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ऋणमाफी में कांग्रेस किसानों के साथ एक के बाद एक भद्दा मजाक कर रही है। सूची तक आधी अंग्रेजी व हिंदी में जारी हो रही है। सरकार को किसानों के पढ़ने लायक सूचियां जारी करनी चाहिए।
किसान नेता केदार सिरोही का कहना है कि यह बात सही है कि जो दुनिया छोड़ गए हैं, उनके पुत्रों ने कर्ज अपने नाम कराकर चुकता कर दिया है, मगर दिवंगत किसान के नाम पर कर्ज अभी भी बना हुआ है और वह ब्याज के साथ जुड़कर कई गुना हो गया है। यह एक बड़ा घोटाला है और जांच से ही उजागर होगा।
राज्य में कांग्रेस की सत्ता आने पर जय किसान फसल ऋणमाफी योजना के तहत 15 जनवरी से आवदेन भरवाए जा रहे हैं। योजना में बुधवार तक 31 लाख 48 हजार 527 किसानों ने ग्राम पंचायतों में कर्जमाफी के आवेदनपत्र जमा करवा दिए हैं। अब तक 18 लाख 19 हजार 829 हरे, 11 लाख 60 हजार 191 सफेद और एक लाख 68 हजार 507 गुलाबी आवेदन (फॉर्म) भरे जा चुके हैं।
योजना की निर्धारित क्रियान्वयन प्रक्रिया के अंतर्गत किसानों से कर्जमाफी के आवेदनपत्र 5 फरवरी तक जमा किए जा सकेंगे। किसान-कल्याण और कृषि विकास विभाग के अनुमान के अनुसार, कुल 50 लाख रुपये कर्जमाफी आवेदनपत्र पांच फरवरी तक जमा होने की संभावना है। वहीं किसानों के खातों में रकम 22 फरवरी के बाद आने का सिलसिला शुरू होगा।
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