नई दिल्ली : पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस का लंबे समय तक बीमार रहने के बाद मंगलवार को निधन हो गया। वह 88 साल के थे। महान समाजवादी व श्रमिक संगठन नेता फर्नांडिस ने 1975-77 में आपातकाल के खिलाफ मुखरता से आवाज उठाई थी और अपने पूरे जीवन कांग्रेस से लड़ाई लड़ी थी।
परिवार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि फर्नांडिस अल्जाइमर रोग से पीड़ित थे और वह पिछले आठ साल से बिस्तर पर थे। उन्हों खांसी और ठंड की शिकायत हुई जिसके उपचार के लिए मैक्स अस्पताल की एक स्वास्थ्य देखभाल टीम उनके घर पर उपस्थित थी। टीम ने मंगलवार सुबह उन्हें मृत पाया।
मैक्स अस्पताल ने एक बयान में कहा, हम जॉर्ज फर्नांडिस के निधन की घोषणा करते हुए दुखी हैं। फर्नांडिस की देखभाल मैक्स हेल्थकेयर की टीम उनके घर पर कर रही थी, जिसने उन्हें सुबह 6:42 पर मृत घोषित कर दिया।
फर्नांडिस के परिवार में उनकी पत्नी लीला और उनके एक पुत्र हैं जो न्यूयॉर्क में रहते हैं। सूत्रों ने कहा कि उनके बेटे के एक से दो दिन में यहां आने की उम्मीद है, जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत तमाम हस्तियों ने फर्नांडिस को श्रद्धांजलि दी।
कोविंद ने कहा कि उन्होंने सादा जीवन और उच्च विचार को महत्व दिया और आपातकाल व उसके बाद भी लोकतंत्र के चैंपियन के रूप में उभरे। मोदी ने कहा कि फर्नांडिस ने आपातकाल का पुरजोर विरोध किया। उनकी सादगी और विनम्रता उल्लेखनीय थी।
अपने पूरे राजनीतिक करियर के दौरान गांधी परिवार का विरोध करने वाले फर्नाडिस के निधन पर राहुल ने कहा कि जॉर्ज फर्नांडिस के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ। इस दुख की घड़ी में उनके परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।
फर्नाडिस ने बॉम्बे टैक्सी यूनियंस एसोसिएशन का नेतृत्व करने और 1967 के आम चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता एस.के. पाटिल को शिकस्त देकर शोहरत हासिल की।
फर्नाडिस ने 1977 में जेल में रहते हुए आम चुनाव में बिहार के मुजफ्फरपुर से जीत हासिल की और मोरारजी देसाई की जनता पार्टी सरकार में उद्योग मंत्री बने। वह 1989 से 1990 में वी.पी. सिंह की सरकार में रेल मंत्री रहे।
1994 में उन्होंने समता पार्टी की स्थापना की जिसने भाजपा से गठजोड़ किया। वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के संयोजक बने। 1998 और 2004 की अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वह रक्षा मंत्री बने। उनके कार्यकाल में करगिल युद्ध और पोखरण के परमाणु परीक्षण हुए थे। सैनिकों के ताबूत घोटाले के कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था लेकिन बाद में इस मामले में क्लीन चिट मिलने के बाद वह फिर से अटल मंत्रिमंडल में शामिल हुए थे।
जॉर्ज ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में रक्षामंत्री, संचार मंत्री, उद्योग मंत्री, रेल मंत्री के रूप में अपनी सेवाएं दी थीं। जॉर्ज वर्ष 1967 से 2004 तक नौ बार लोकसभा के सदस्य बने।