नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को केंद्र सरकार द्वारा राम जन्मभूमि न्यास को 67 एकड़ गैर-विवादित भूमि का हिस्सा देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के फैसले को महत्वपूर्ण करार दिया और कहा कि यह अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा।
पार्टी ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार अयोध्या में विवादित जमीन को नहीं छू रही है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पार्टी मुख्यालय पर एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, आज का फैसला महत्वपूर्ण है और यह राम मंदिर निर्माण के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा।
उन्होंने कहा कि भाजपा राम मंदिर निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है और वह आवश्यक कानूनी उपाय अपनाने की कोशिश करेगी। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री ने अपने टेलीविजन साक्षात्कार में भी स्पष्ट किया था कि लोग मंदिर चाहते हैं लेकिन मामला अदालत में विचाराधीन है और उसके अनुसार ही कदम उठाए जाएंगे। आज का आवेदन भी एक कानूनी फैसला है।
जावड़ेकर ने कहा कि सरकार का अयोध्या में विवादित स्थल के आसपास अतिरिक्त जमीन को उसके मूल स्वामियों को लौटाने के फैसले का सभी क्षेत्रों के लोगों द्वारा स्वागत किया जा रहा है। उन्होंने कहा, 1994 में भूमि के मूल स्वामियों से अधिग्रहित की गई अतिरिक्त भूमि को वापस करने का सरकार का सैद्धांतिक फैसला महत्वपूर्ण है।
67 एकड़ में से 42 एकड़ भूमि का मालिकाना हक रामजन्मभूमि न्यास के पास है। इसलिए, सरकार न्यास को जमीन वापस देना चाहती है क्योंकि वे वहां मंदिर बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यह एक 70 साल पुराना विवाद है और इसमें अत्याधिक विलंब भी एक बाधा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, हमें उम्मीद है कि इस अनुरोध को जल्द ही मंजूरी मिल जाएगी।
जावड़ेकर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी कानूनी बाधा उत्पन्न कर राम मंदिर निर्माण में देरी कर रही है।उन्होंने कहा, भाजपा हमेशा से वहां मंदिर बनाना चाहती है लेकिन कांग्रेस की मंशा बाधा पैदा करने की है। वे भगवान राम की मौजूदगी पर ही सवाल उठाते हैं। रामसेतु मामले में राहुल गांधी रावण की भूमिका में थे।