अहमदाबाद : गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के बागी नेता शंकर सिंह वाघेला ने मंगलवार को औपचारिक रूप से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की सदस्यता ग्रहण कर ली। इस दौरान राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार भी उपस्थित थे। वाघेला का स्वागत करते हुए शरद पवार ने कहा, हम पिछले दो महीनों से बात कर रहे थे और आखिरकार वाघेला ने हमारी पार्टी में शामिल होने का निर्णय ले लिया। केंद्र में गैर-भाजपा सरकार बनाने के लिए हम उनके अनुभव और मजबूत जन-समर्थन का साथ चाहते हैं।
पवार ने कहा, मैंने उनसे ना सिर्फ गुजरात में पार्टी की अगुआई करने बल्कि पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनने का आग्रह किया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। वे भाजपा-विरोधी पार्टियों को जोड़ने के लिए बेहतर समन्वयक की भूमिका निभाएंगे।
वाघेला ने कहा, आज देश एक डर में जी रहा है। संसद, लोकसभा, राज्यसभा, रिजर्व बैंक, चुनाव आयोग, सीबीआई, सीवीसी, सीएजी जैसी संवैधानिक संस्थानों को चुप करा दिया गया है। मुझे लगा कि ऐसे समय में निष्क्रिय रहना ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा, आज लोग वर्तमान सरकार से नाराज हैं, और मैं केंद्र में भाजपा-विरोधी सरकार के रूप में यूपीए-3 को देख रहा हूं। वर्तमान सरकार भ्रष्ट है। 56 इंच के सीने का दावा करने वाले व्यक्ति ने कई झूठ बोले हैं। लोकतंत्र को बचाने के लिए मैंने राकांपा में शामिल होने का निर्णय लिया है।
वाघेला को 2017 में राज्यसभा चुनाव के दौरान वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल को हराने के लिए विधायकों को दल-बदल कराने के प्रयास के कारण कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था। एक समय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सक्रिय सदस्य वाघेला 1969 में जनसंघ में शामिल हुए थे जो बाद में अन्य दलों के साथ मिलकर जनता पार्टी बन गई थी और फिर इसमें से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बन गई।
वाघेला ने 1996 में भाजपा छोड़ राष्ट्रीय जनता पार्टी (राजपा) का गठन किया, गुजरात में सरकार बनाई और कुछ समय के लिए कांग्रेस के समर्थन से गुजरात के 12वें मुख्यमंत्री के तौर पर काम किया। उन्होंने 2002 में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और 2017 तक विधानसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर काम किया। संप्रग-1 सरकार के दौरान वाघेला केंद्रीय कपड़ा मंत्री थे।