नई दिल्ली : संकटग्रस्ट लीला होटल्स को हासिल करने के विभिन्न प्रस्तावकों की दौड़ ने अब बदतर रूप ले लिया है। जेएम फाइनेंसियल ने पिछले गुरुवार को नायर बंधुओं विवेक नायर (गारंटर) और दिनेश नायर (गांरटर) के खिलाफ खेतान एंड कंपनी द्वारा अपने ग्राहक एसबीआई कॉर्प ट्रस्टी कंपनी की ओर से होटल लीलावेंचर (उधारकर्ता), लीला लेस होल्डिंग्स प्रा. लि. (गिरवीकर्ता/गारंटर), रॉकफोर्ड एस्टेट डेवलपर्स प्रा. लि. (गिरवीकर्ता) और लीला लेस सॉफ्टवेयर सोल्यूशंस प्रा. लि. (गिरवीकर्ता) के खिलाफ पिछले साल 12 नवंबर को जारी कानूनी नोटिस के आधार पर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में मामला दर्ज किया है।
आईएएनएस ने जेएम फाइनेंसियल सर्विसेज के प्रबंध निदेशक अनिल भाटिया से इस मामले में पक्ष लेने के लिए संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कॉल या मैसेज का कोई जवाब नहीं दिया गया। साल 2018 में पांच नवंबर को इसी प्रकार का नोटिस उच्च न्यायालय के वकील टी. सेल्वी लक्ष्मण ने अपने ग्राहक एसबीआई की तरफ से होटल लीलावेंचर और विभिन्न अधिकारियों के खिलाफ जारी किया था, जिसमें अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक विवेक नायर और उनके भाई सह-अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक दिनेश नायर शामिल थे।
एनसीएलटी ने दिवालिया कार्रवाई के लिए जेएमएफ की याचिका को स्वीकार करने से पहले प्रक्रिया के तहत दो हफ्तों का समय दिया है। इस बीच माना जा रहा है कि जेएमएफ नायर पर ब्रुकफील्ड के साथ सौदा करने की दवाब डालेगी। जैसा कि आईएएनएस की मंगलवार की स्टोरी लीला को खरीदने की होड़ में बताया गया था कि अन्य दो प्रस्तावकों -राशिद अल हबटूर और थाई समूह माइनर इंटरनेशनल को अग्रिम धन जमा कराने के लिए कहा गया है, जोकि सैंकड़ों करोड़ रुपये की रकम है। वहीं, ब्रुकफील्ड को इस कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ रहा है।
साल 2014 में अपने कॉर्पोरेट ऋण-पुनर्गठन योजना के विफल हो जाने के बाद मुंबई की आतिथ्य कंपनी ने 14 लेनदारों के कर्ज को निमेश कामपानी के स्वामित्व वाली संपत्ति पुनर्गठन फर्म जेएम फाइनेंशियल एआरसी (जेएमएआरसी) को हस्तांतरित कर दिया था।
एआरसी जेएम फाइनेंसियल (जेएमएफ) ने ऋण पोर्टफोलियो को संभालने के बाद कर्ज के 26 फीसदी हिस्से को इक्विटी (हिस्सेदारी) में बदल दिया और बाकी की 25 फीसदी इक्विटी आम निवेशकों के पास तथा 49 फीसदी इक्विटी कंपनी के प्रमोटर नायर परिवार के पास है।
कनाडा की ब्रुकफील्ड एस्सेट मैनेजमेंट ने साल 2018 में इसके अधिग्रहण की कोशिश की थी। इसके लिए कामपानी ने सभी बोलियों को अस्वीकार कर केवल ब्रुकफील्ड को ही मैदान में बनाए रखा था, जिसने उक्त अधिग्रहण के लिए सम्यक तत्परता दिखाई। इस सौदे के तहत आगरा में एक और लीला होटल खोलने के लिए रखे गए जमीन के एक बड़े टुकड़े के साथ कंपनी की चार और बड़ी संपत्तियां ब्रुकफील्ड के पास चली जाएंगी।