प्रदीप शर्मा
श्रीनगर : जम्मू एवं कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार को कहा कि भारत ने चुनावी राजनीति के कारण पाकिस्तान के विदेश मंत्री की हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक से फोन पर बातचीत को देश-विरोधी करार दिया है। उन्होंने कहा, चुनावी राजनीति की बाध्यताओं से निर्देशित विदेश नीति अत्यंत निराशाजनक होती है।
भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की हुर्रियत कान्फ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक से बातचीत पर कड़ा एतराज जताने के लिए पाकिस्तानी उच्चायुक्त सोहैल महमूद को बुधवार को तलब किया था। गोखले ने कहा कि यह पाकिस्तान द्वारा खुलेआम भारत की एकता व संप्रभुता को नष्ट करने की कोशिश है।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार को एक ट्वीट में कहा, पाकिस्तानी विदेश मंत्री और मीरवाइज फारूक के बीच फोन पर एक बातचीत को भारत विरोधी करार देना इस बात का द्योतक है कि संबंधों में अविश्वसनीय स्तर तक का पतन हो गया है।
उन्होंने कहा, विडंबना यह है कि (अटल बिहारी) वाजपेयी की अगुवाई में राजग ने ही हुर्रियत नेताओं और पाकिस्तान के ओहदेदारों के बीच बैठक करवाई थी और उनको पाकिस्तान जाने और तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल (परवेज) मुशर्रफ समेत सरकार से बातचीत करने की अनुमति प्रदान की थी।