हैदराबाद : तेलंगाना के रायतु बंधु परियोजना ने केंद्र को राह दिखाई, जिसके फलस्वरूप शुक्रवार को वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने किसानों को आय समर्थन देने के लिए प्रधानमंत्री किसान योजना की घोषणा की।
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अपने अंतरिम बजट में छोटे किसानों के लिए सीधा नगद स्थानांतरण(डायरेक्ट कैश ट्रांसफर) योजना की घोषणा की। जिन किसानों के पास दो हेक्टेयर से कम की भूमि है, उन्हें तीन बराबर किश्तों में प्रतिवर्ष 6,000 रुपये दिए जाएंगे।
इससे पहले तेलंगाना ने पिछले वर्ष कृषि क्षेत्र में परिवर्तन लाने के उद्देश्य से निवेश समर्थन योजना लागू की थी। इसका उद्देश्य किसानों द्वारा शुरुआती लागत की देखभाल करना था, ताकि उन्हें निजी ऋणदाताओं के पास जाना न पड़े।
रायतु बंधु योजना के अंतर्गत, जमीन होने के बावजूद किसानों को सालाना 8000 रुपये देने का प्रावधान है, जोकि प्रति फसल 4,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से दिया जाता है।
तेलंगाना राष्ट्र समिति(टीआरएस) सरकार की ओर से गत वर्ष मई में शुरू की गई इस योजना से अबतक 58 लाख किसानों को लाभ मिला है। 2018-19 के बजट के लिए, राज्य ने इस परियोजना के लिए 12,000 करोड़ रुपये जारी किए थे।
राज्यपाल ई.एस.एल नरसिम्हन ने पिछले महीने कहा था कि रायतु बंधु योजना ने न केवल राष्ट्रीय एजेंडे में महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है, बल्कि संयुक्त राष्ट्र से भी प्रशंसा मिली है।
रायतु बंधु योजना सही लाभार्थियों तक पहुंच सके, इसके लिए राजस्व रिकार्ड को अपडेट करने, सुधार करने का एक समग्र कार्यक्रम चलाया गया।
कार्यक्रम के अंतर्गत, भूमि के 94 प्रतिशत मालिकाना हक को पक्का किया गया और किसानों को पासबुक जारी किया गया।
रायतु बंधु योजना के जिस एक परिप्रेक्ष्य की आलोचना हुई है, वह यह है कि पट्टेदार किसानों को इस लाभ का फायदा नहीं दिया गया है।