गौतम दत्त, नई दिल्ली : भारत का रक्षा बजट 3 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है, क्योंकि अंतरिम बजट में पिछले साल के 2,85,423 करोड़ रुपये तक संशोधित अनुमान से बढ़ाकर वर्ष 2019-20 के लिए 3,05,296 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं, जोकि 6.96 फीसदी की बढ़ोतरी है।
इससे रक्षा बलों के आधुनिकीकरण के कार्यक्रम के पटरी पर रहने की उम्मीद है, जिसके लिए खरीद के लिए 1.03,380 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जबकि पिछले साल यह रकम 93,982 करोड़ रुपये थी।
सरकार ने कई बड़ी रक्षा खरीद को मंजूरी दी है, जिसमें पनडुब्बी से लेकर हेलीकॉप्टर तक शामिल हैं और इसमें इजरायल के साथ दो एयरबोर्न वार्निग और कंट्रोल सिस्टम का 5,700 करोड़ रुपये का सौदा भी शामिल है, जोकि चुनावों से ठीक पहले भारतीय वायु सेना के लिए इजरायल से खरीदे जाएंगे।
कुल रक्षा बजट में हालांकि बढ़ोतरी की गई है, लेकिन यह अभी भी जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का 1.4 फीसदी है।
बजट को लेकर इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस (आईएसडीए) के लक्ष्मण कुमार बेहरा ने आईएएनएस को बताया कि समग्र राजनीतिक स्थिति और राजकोषीय स्थिति को देखते हुए रक्षा क्षेत्र को आवंटन करने वाली यह सबसे अच्छी सरकार है, हालांकि यह सेवाओं द्वारा अधिक की मांग की गई थी।
उन्होंने कहा कि रक्षा बजट को कई तरीकों से देखा जा सकता है। उनके हिसाब से, कुल मिलाकर बजट में 8 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। जैसा कि वित्त मंत्रालय के वित्त विभाग द्वारा प्रकाशित रक्षा सेवा अनुमान में बताया गया है।
उन्होंने कहा कि लंबे समय बाद पूंजीगत खर्च (आधुनिकीकरण कार्यक्रम पर खर्च करने के लिए) में राजस्व बजट (सामान्य कामकाज के लिए) की तुलना में अधिक आवंटन किया गया है। उन्होंने कहा कि पूंजीगत बजट में पिछले साल जरूरत के हिसाब से आवंटन नहीं किया गया था और सारी रकम खर्च होने के बाद भी आधुनिकीकरण की जरूरतें पूरी नहीं हुई।
वित्त मंत्री ने 2019-20 के लिए अंतरिम बजट प्रस्तुत करते हुए कहा, हमारे सैनिक सीमाओं पर देश की रक्षा करते हैं, जिन पर हमें गर्व है। हमने हमारी सीमाओं को सुरक्षित बनाने के लिए बजट में 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया है, जो अब तक का सर्वाधिक है। अगर जरूरत पड़ी तो अतिरिक्त फंड मुहैया कराया जाएगा।
गोयल ने कहा कि सरकार ने वन रैंक, वन पेंशन अवधारणा लागू की है और अब तक 35,000 करोड़ रुपये से अधिक का वितरण कर चुकी है।
उन्होंने कहा कि सरकार सभी सेनाकर्मियों की सैन्य सेवा वेतनमान (एमएसपी) में महत्वपूर्ण रूप से बढ़ोत्तरी की है और अत्यधिक जोखिम से भरे क्षेत्रों में तैनात नौसेना और वायुसेना कर्मियों को विशेष भत्ते दिए जाने की घोषणा की है।