नई दिल्ली : अगले दशक में देश की अर्थव्यवस्था के 100 खरब डॉलर होने की महत्वाकांक्षा की बात करते हुए वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने मोदी सरकार के विजन 2030 के 10 सबसे महत्वपूर्ण आयामों की परिकल्पना प्रस्तुत की। लोकसभा में 2019-20 का अंतरिम बजट पेश करते हुए गोयल ने कहा कि इन आयामों से देश को आधुनिक, अत्यधिक विकास व पारदर्शी समाज बनाने के लिए मार्ग प्रशस्त होगा।
गोयल ने कहा कि सभी क्षेत्रों में अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे का निर्माण जीवन को सहज बनाने का पहला आयाम है। इसके तहत सभी क्षेत्रों सड़क, रेलवे, बंदरगाहों, हवाईअड्डे व अंतर्देशीय जलमार्ग का निर्माण शामिल है। दूसरा डिजिटल भारत का निर्माण है, जिससे अर्थव्यवस्था के हर कोने से हर नागरिक तक पहुंचा जा सके।
इसका तीसरा पहलू स्वच्छ व ग्रीन इंडिया है। गोयल ने कहा, भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के चलन से आयात पर निर्भरता में कमी आ रही है और इससे हमारे लोगों की ऊर्जा सुरक्षा बढ़ रही है।
चौथे आयाम में उन्होंने आधुनिक डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके ग्रामीण औद्योगिकीकरण विस्तार के माध्यम से बड़े पैमाने पर रोजगारों के सृजन को सूचीबद्ध किया है।
पांचवें आयाम में उन्होंने सभी भारतीयों के लिए सुरक्षित पेयजल के साथ स्वच्छ नदियां और लघु सिंचाई तकनीकों को अपनाने की बात कही है। छठे आयाम में उन्होंने तटीय और समुद्री मार्गों के माध्यम से देश के विकास को सशक्त बनाने की बात कही।
गोयल ने सातवें आयाम का जिक्र करते हुए कहा कि भारत 2022 तक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजकर दुनिया के लिए लांच पैड बन जाएगा। आठवें आयाम के तहत खाद्य व कृषि उत्पादकता में सुधार के साथ आत्मनिर्भर होना है, जिसमें आर्गेनिक फूड पर जोर है। नौवें आयाम में स्वस्थ भारत की बात कही गई है, जिसमें सभी के लिए व्यापक कल्याण की बात समाहित है। पीयूष गोयल ने 10वें आयाम के तौर पर न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन के राष्ट्र का जिक्र किया।