पालघर (महाराष्ट्र) : महाराष्ट्र के इस जनजातीय जिले में शुक्रवार को सिलसिलेवार भूकंप के झटकों के बाद पुणे से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की दो टीमें यहां पहुंचीं। भूकंप से एक नाबालिग बच्ची की मौत हो गई। एक अधिकारी ने यहां शनिवार को यह जानकारी दी।
कलेक्ट्रेट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि एनडीआरएफ की दो टीमें कुछ 42 सबसे अधिक प्रभावित ग्रामीण इलाकों में राहत सामग्री बांट रही हैं, जिसमें से प्रत्येक के पास 200 टेंट, चिकित्सा आपूर्ति और अन्य सामग्री जैसी आपात आपूर्तियां हैं।
शुक्रवार को जिले के अधिकांश लोग टेंटों में रहें, क्योंकि कम से कम सात हल्के और तेज भूंकप के झटकों ने उनके घरों, स्कूलों, कॉलेजों और फैक्ट्रियों को हिला दिया था। भूकंप के झटकों की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.1 तक दर्ज की गई।
शुक्रवार को पहता तेज झटका सुबह सात बजे के करीब महसूस किया गया, जिसने लोगों को उनके घरों व दुकानों और छात्रों को अपने स्कूलों व कॉलेजों से बाहर निकलने के लिए मजबूर कर दिया।
अधिकारियों के मुताबिक, पिछले तीन महीनों में पालघर में 15 से अधिक भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं, जिससे लोगों में तनाव है। पालघर में करीब 17 लाख लोग रहते हैं, जिसमें से करीब 14 लाख पालघर के शहरी केंद्र और दहानु में रहते हैं।
अधिकारी ने कहा कि पुणे स्थित भारतीय मौसम विभाग और हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान के विशेषज्ञ पहले ही क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं, लेकिन वे भूकंप के कारणों का अनुमान नहीं लगा सके। उन्होंने जिला प्रशासन को एहतियाती उपाय करने की सलाह दी थी।
इस बीच, सरकार ने जिले में विभिन्न आवासीय, सामाजिक या व्यावसायिक संरचनाओं में हुए नुकसान की सीमा पर एक रिपोर्ट मांगी है और सभी आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों को पूरी तरह से तैयार रहने को कहा है।