अयोध्या : अयोध्या में प्रस्तावित राम मंदिर के लिए कार्यशाला में काम कर रहे दर्जनों कारीगरों की माने तो राम मंदिर के भूतल की नक्काशी व संरचना के लिए काम पूरा हो चुका है।
प्रस्तावित मंदिर के प्रथम तल में लगने वाले खंभे पर नक्काशी करते हुए कारीगर रजनीकांत ने बताया, मंदिर के भूतल के लिए पत्थर का काम पूरा हो चुका है।
रजनीकांत ने आईएएनएस से कहा, हमलोग अब प्रथम तल और भूतल की छत के लिए डिजाइन बनाने का काम कर रहे हैं, जिसमें फूलों की आकृति होगी।
गुजरात के सुरेंद्रनगर के रहनेवाले रजनीकांत यहां लगभग दिन-रात काम कर रहे दल के सदस्य हैं। वह यहां विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के ऑर्डर पर पिछले पांच सालों से काम कर रहे हैं।
रजनीकांत को रहने और खाने के साथ-साथ 400 रुपये की देहाड़ी मजदूरी मिलती है। उन्होंने कहा कि मंदिर के लिए नक्काशी का काम एक महीने में पूरा हो जाएगा।
उन्होंने कहा, जब मोदी भाई का आदेश मिलेगा तब हम इन पिलर, बीम और अन्य ढांचों को राम मंदिर बनाने के लिए यहां से ले जाएंगे। अनेक तीर्थयात्री यहां उनके कार्यो की सराहना करते हैं।
यहां से कुछ ही दूरी पर जंग लगी एक बड़ी मशीन रखी हुर्ह है, जिसका उपयोग धोलपुर स्टोन की बड़ी-बड़ी शिलाओं को काटने में किया जाता है। ये पत्थर कारसेवकपुरम से से लाए जाते हैं, जहां निर्माण सामग्री जयपुर से आती है।
विहिप के एक पदाधिकारी ने बताया कि प्रस्तावित राम मंदिर चार मंजिला होगा। पहली मंजिल की ऊंचाई 18 फुट होगी और दूसरी व तीसरी मंजिल करीब 16-16 फुट ऊंची होगी। मंदिर का गुंबद 65 फुट ऊंचा होगा।
उन्होंने बताया, मंदिर में 212 खंभे होंगे, जिनमें से 106 खंभे प्रथम तल पर होंगे, जोकि अब तैयार हो चुके हैं। मंदिर में सिंहद्वार, नृत्य-मंडप, रंग-मंडप, गर्भगृह और परिक्रमा मार्ग होंगे। गर्भगृह में रामलला की मूर्ति रखी जाएगी। परिक्रमा मार्ग आठ फुट ऊंचा और 10 फुट चौड़ा होगा।
एक और कारीगर ने बताया कि एक लाख घनफुट काम पूरा हो चुका है और 75,00 घनफुट पर काम प्रगति पर है।
ओडिशा के बालासोर से कार्यशाला पहुंचे कॉलेज से सेवानिवृत्त प्राचार्य रामचंद्र सेमंत राय ने कहा, कार्य की प्रगति को देखकर मुझे पक्का विश्वास है कि मैं अपने जीवन काल में यहां राम मंदिर देख पाऊंगा।
एक किनारे में लकड़ी का बना हुआ राम मंदिर का मॉडल रखा हुआ है और उसके नीचे एक दानपेटी है, जो रुपयों से भरी हुई है।
विहिप कार्यकर्ता स्वदेश दान की पर्जी देते हैं। उन्होंेने कहा कि रोजाना औसतन 6,000-7,000 रुपये दान में मिलते हैं, जबकि त्योहार के दिनों में 10,000-15,000 रुपये रोज मिलते हैं।