अमरावती : आंध्र प्रदेश ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 2.26 लाख करोड़ रुपये का लेखानुदान बजट पेश किया, जोकि पिछले साल की तुलना में 18.38 फीसदी अधिक है।
वित्त मंत्री वाई. रामकृषनुडु ने विधानसभा में बजट पेश करते हुए कुल 2,26,117 करोड़ रुपये के व्यय का प्रस्ताव दिया। इसमें 1,80,369 करोड़ रुपये राजस्व व्यय और 29,596 करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय का प्रस्ताव है, जिसमें 8,994 करोड़ रुपये सरकारी कर्ज के भुगतान के मद में खर्च किए जाएंगे।
राज्य का अनुमानित राजस्व घाटा 2,099 करोड़ रुपये है, जबकि राजकोषीय घाटा 32,390 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है। राजकोषीय घाटा जीएसडीपी (सकल राज्य घरेलू उत्पाद) का करीब 3.03 फीसदी है, जबकि राजस्व घाटा जीएसडीपी का करीब 0.20 फीसदी है।
सरकार की कुल देनदारियां वित्त वर्ष 2017-18 के लिए बढ़कर 2,23,706 करोड़ रुपये हो गई हैं, जोकि वित्त वर्ष 2014-15 में 1,48,744 करोड़ रुपये थीं।
रामकृषनुडु ने कहा कि साल 2014 में जब राज्य का विभाजन किया गया था तो राजधानी के नुकसान, राजस्व, संपत्तियों और देनदारियों के अनुचित विभाजन के कारण चारो तरफ निराशा का माहौल था, लेकिन राज्य देश की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है और दोहरे अंकों में वृद्धि दर दर्ज की है।
उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश की औसत वृद्धि दर 10.66 फीसदी दर्ज की गई है, जबकि भारत की वृद्धि दर पिछले साढ़े चार सालों में 7.3 फीसदी रही है। राज्य के कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 11 फीसदी रही है, जबकि समूचे भारत की औसत वृद्धि दर 2.4 फीसदी है।
उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश के उद्योग क्षेत्र की वृद्धि दर 9.52 फीसदी रही, जबकि भारत की औसत वृद्धि दर 7.1 फीसदी है। सेवा क्षेत्र में राज्य की वृद्धि दर 9.57 फीसदी रही, जबकि पूरे देश की औसत वृद्धि दर 8.8 फीसदी है।
वित्त मंत्री ने किसानों की आर्थिक मदद के लिए एक नई योजना अन्नदाता सुखीभवा को शुरू करने की घोषणा की और इसके लिए बजट में पांच हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया।
उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश आंध्र की नई राजधानी अमरावती को दुनिया के पांच सबसे अच्छे शहरों में से एक बनाने की है। अमरावती के निर्माण पर कुल 1,09,023 करोड़ खर्च होने का अनुमान है। प्रथम चरण में कुल 51,687 करोड़ खर्च होगा जिसमें से 39,875 करोड़ की परियोजनाओं पर काम जारी है।रामकृषनुडु अविभाजित आंध्र प्रदेश के भी वित्त मंत्री थे।