शिमला: हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री विपिन परमार ने राज्य विधानसभा को सूचित करते हुए कहा कि राज्य सरकार के स्वामित्व वाले इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (आईजीएमसीएच) में प्रत्येक दिन 40 से ज्यादा रोगियों की कीमोथेरेपी होती है और राज्य को जल्द ही यहां एक कैंसर टर्शियरी यूनिट के निर्माण की मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
मंत्री ने कहा, आईजीएमसीएच में प्रत्येक दिन 40-60 रोगी कीमोथेरेपी कराने आते हैं, जबकि टांडा में मौजूद राजेंद्र प्रसाद सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रतिदिन 12-14 रोगी आते हैं।
कांग्रेस सदस्य आशा कुमारी के एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य कैंसर टर्शियरी इमारत के निमार्ण के लिए राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) से मंजूरी का इंतजार कर रहा है, जोकि राजधानी के मुख्य इलाके में पड़ता है।
उन्होंने कहा कि राज्य में कैंसर रोगियों के इलाज की सुविधा बढ़ाने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जा रहे हैं।
परमार ने कहा, हम निर्माण कार्य की जल्द ही इजाजत मिलने की उम्मीद कर रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री के दावों पर सवाल उठाते हुए भाजपा विधायक राकेश पठानिया ने कहा कि आईजीएमसीएच व राजेंद्र प्रसाद सरकारी मेडिकल कॉलेज में कैंसर रोगियों के इलाज के लिए सुविधाएं बहुत कम हैं। उन्होंने कहा कि वह कुछ देर पहले ही आईजीएमसीएच से लौटे हैं और उन्होंने वहां की हालत बेहद खराब पाई।
एनजीटी ने 2017 में ग्रीन बेल्ट समेत शहर के मुख्य क्षेत्रों में बहुमंजिला इमारतों के निर्माण पर पाबंदी लगा दी थी।