मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा गुरुवार को प्रमुख ब्याज दरों में की गई गिरावट घर खरीदारों के लिए एक सुखद आश्चर्य की तरह है, क्योंकि इससे 20 सालों के लिए गए 50 लाख रुपये के कर्ज पर करीब 800 रुपये की मासिक बचत होगी।
आरबीआई ने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा (एमपीसी) बैठक में वाणिज्यिक बैंकों के लिए प्रमुख ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की है, जिससे यह 6.25 फीसदी हो गई है।
वर्तमान में अगर कोई व्यक्ति 50 लाख रुपये का कर्ज 20 सालों की अवधि के लिए 8.45 फीसदी ब्याज दर से लेता है तो उसकी मासिक ईएमआई करीब 43,233 रुपये प्रति माह होती है। लेकिन इस कटौती के बाद अब उसे 42,440 रुपये की मासिक ईएमई का भुगतान करना होगा, जिससे 793 रुपये प्रति माह की बचत होगी।
आरबीआई ने यह कदम तरलता के संकट से निपटने के लिए उठाया है, जिससे चुनावी साल में अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। केंद्रीय बैंक ने रिवर्स रेपो दर को 6 फीसदी और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) दर और बैंक दर को 6.5 फीसदी कर दिया है।
आरबीआई के गर्वनर शक्तिकांत दास ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, निवेश गतिविधियां फिर से जोर पकड़ रही है. लेकिन जरूरत निजी निवेश गतिविधियां और निजी उपभोग को मजबूत करने की है।
दास ने कहा कि आरबीआई के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह विकास दर को बढ़ावा देने के लिए समयबद्ध तरीके से काम करे, खासतौर से यह देखते हुए कि मुद्रास्फीति के नरम रहने के बावजूद निवेश मांग में कमी बनी हुई है।
हालांकि केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती करने के बाद भी उसका लाभ ग्राहकों तक नहीं पहुंच पाता है। पहले भी कई बार देखा गया है कि बैंक अपने ग्राहकों के लिए ब्याज दरें कम नहीं करते हैं। इसे देखते हुए आरबीआई अगले दो-तीन हफ्तों में बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक कर सकती है।