नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के संयुक्त निदेशक एम. नागेश्वर राव व अभियोजन प्रभारी एस.भासूराम सुभाराम को अदालत के जांच अधिकारी के तबादले पर प्रतिबंध के बावजूद मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामले की जांच कर रहे एक सीबीआई अधिकारी का तबादला करने को लेकर लगाई।
अचानक से घटनाक्रम में आए बदलाव में शीर्ष अदालत ने दो अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू कर दी, जो तत्कालीन अतिरिक्त निदेशक ए.के. शर्मा के स्थानांतरण से जुड़े थे।
अतिरिक्त निदेशक ए.के.शर्मा मुजफ्फरपुर आश्रय गृह दुष्कर्म मामले की अगुवाई कर रहे थे।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा व न्यायमूर्ति संजीव जोहाना ने अदालत को या अप्वाइंमेंट कैबिनेट कमेटी (सीसीए) को सूचित किए बिना ए.के.शर्मा का तबादला करने को लेकर दोनों अधिकारियों को फटकार लगाई।
तबादले पर गंभीर रुख अख्तियार करते हुए पीठ ने उनसे सोमवार तक जवाब मांगा है और मंगलवार को अदालत में निजी तौर पर हाजिर होने को कहा है।
शीर्ष अदालत ने सीबीआई से ए.के.शर्मा के तबादले से जुड़ी फाइल से जुड़े सभी सीबीआई अधिकारियों को मौजूद रहने को कहा है।
सीबीआई से ए.के.शर्मा का तबादला केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के अतिरिक्त निदेशक के पद पर किया गया है।