नई दिल्ली : कांग्रेस ने सोमवार को लोकसभा में हंगामा किया और कर्नाटक में विधायकों की खरीद-फरोख्त के कथित प्रयास को लेकर सदन से बहिर्गमन किया। केंद्र ने हालांकि इस आरोप को खारिज कर दिया और इसे सत्तारूढ़ कांग्रेस और जद (एस) के बीच आंतरिक लड़ाई बताया।
इसी मुद्दे पर इससे पहले दोपहर तक सदन स्थगित होने के बाद जब कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, कांग्रेस नेता मल्लिकाजुर्न खड़गे ने एक वरिष्ठ भाजपा नेता और जनता दल(सेकुलर) के एक विधायक के बेटे के साथ टैप की गई बातचीत की ट्रांस्क्रिप्ट पढ़नी शुरू की। इसे कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने शुक्रवार को जारी किया था।
खड़गे ने आरोप लगाया कि भाजपा खरीद-फरोख्त करके राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने कहा, मेरे संसदीय क्षेत्र के एक विधायक को एक वरिष्ठ भाजपा नेता द्वारा आश्वासन दिया गया। वे खरीद-फरोख्त में संलिप्त हैं।
जद (एस) के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा ने कहा कि भाजपा ने कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त के लिए 2009 में ऑपरेशन कमल शुरू किया था। उन्होंने मांग की कि सरकार को ऐसे ऑपरेशन को बंद करने के लिए कानून लाना चाहिए।
उन्होंने कहा, इस तरह की घटनाएं नहीं होनी चाहिए। उस वर्ष 10 विधायकों ने इस्तीफा दिया था और सरकार गिर गई थी।
केंद्रीय मंत्री डी.वी. सदानंद गौड़ा ने इन आरोपों को आधारहीन बताया।
उन्होंने कहा, कर्नाटक में, कांग्रेस और जद (एस) के बीच बहुत बड़ी अंदरूनी लड़ाई चल रही है। कांग्रेस में भी गुटबंदी है। उनके एक विधायक को पार्टी के ही एक व्यक्ति ने पीटा था और वह 10 दिनों तक अस्पताल में भर्ती था।
उन्होंने कहा, खड़गे और गौड़ा ने जो कुछ भी कहा है, वह झूठ है।
मंत्री के जवाब के बाद, कांग्रेस सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप जमा हो गए और नारे लगाने लगे। तेलुगू देशम पार्टी(तेदेपा) के सदस्य पहले से ही आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे।
अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदस्यों से उनकी सीटों पर वापस जाने और कांग्रेस के वीरप्पा मोइली को बजट पर बोलने का आग्रह किया।
इसपर खड़गे ने कहा, मोइली बजट चर्चा में भाग लेंगे, लेकिन उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे पर सही तरीके से ध्यान नहीं दिया गया। इसके विरोध में, कांग्रेस के सदस्य सदन से बहिर्गमन कर गए। इससे पहले इसी मुद्दे पर प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ गया था।