नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने अगस्ता वेस्टलैंड सौदा मामले में दुबई स्थित व्यापारी राजीव सक्सेना को 18 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। प्रवर्तन निदेशालय ने विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार से कहा कि अब एजेंसी को सक्सेना की हिरासत की जरूरत नहीं है। इसके बाद न्यायाधीश ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
अदालत ने इसके अलावा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को बुधवार तक सक्सेना की मेडिकल रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा। सक्सेना ने मेडिकल आधार पर जमानत की मांग की है और कहा कि वह पीठ दर्द, पैरों में सुन्नता और भारीपन, गले में दर्द इत्यादि बीमारी से ग्रसित है।
उसने अदालत से यह भी कहा कि उसने मामले में जांच में सहयोग किया है। अदालत ने उसकी जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए 13 फरवरी की तिथि मुकर्रर की है।
संयुक्त अरब अमीरात के सुरक्षा अधिकारियों ने 30 जनवरी को दुबई स्थित सक्सेना के घर से उसे उठा लिया था और उसी रात कॉरपोरेट लॉबिस्ट दीपक तलवार के साथ भारत प्रत्यर्पित कर दिया था।
ईडी के अनुसार, सक्सेना ने वकील गौतम खतान के साथ मिलकर अगस्ता वेस्टलैंड के पक्ष में 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति करवाने के लिए धनशोधित राशि को कई राजनेताओं, नौकरशाहों और वायु सेना के अधिकारियों को देने के लिए दुनियाभर में एक कॉरपोरेट संरचना मुहैया कराई।
बार-बार समन देने के बावजूद जांच में शामिल नहीं होने के बाद, दिल्ली की एक अदालत ने सक्सेना के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था।
सक्सेना का नाम उसकी पत्नी शिवानी के विरुद्ध दाखिल आरोपपत्र में वर्णित था, जोकि निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद जमानत पर बाहर है।