नई दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को 3,600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदा मामले में आरोपी बिचौलिये ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल की जमानत याचिका का विरोध किया।
सीबीआई ने विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार को बताया कि मामले में मिशेल सहित आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ आरोपपत्र पहले ही दाखिल किया जा चुका है और अदालत उनके खिलाफ कार्यवाही शुरू कर चुकी है।
मिशेल ने जमानत याचिका दाखिल करते हुए कहा था कि वह चार दिसंबर, 2018 से हिरासत में है और दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 167(2) के तहत जांच तीन फरवरी तक पूरी हो जानी चाहिए थी।
मिशेल के वकील ने अदालत से कहा कि चूंकि 60 दिनों की तय समयसीमा के अंदर आरोपपत्र दाखिल नहीं किए गए हैं, इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए।
हालांकि सीबीआई ने कहा कि आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 167(2) के प्रावधान शीघ्र मामलों में लागू नहीं होते हैं।
वहीं ईडी ने कहा कि एजेंसी अलग-अलग मामले दर्ज करने के बजाय, एक विस्तृत और व्यापक अभियोजन शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया में है।
अदालत ने मिशेल की जमानत याचिका पर सुनवाई 13 फरवरी के लिए सूचीबद्ध कर दी है।
हालांकि, अदालत ने मिशेल को उसकी वकील रोजमेरी पैट्रिजी से मिलने की सशर्त इजाजत दी है। वह मिशेल से वकील के तौर पर नहीं बल्कि सामान्य आगंतुक के तौर पर मिलेंगी। पैट्रिजी तिहाड़ के नियमों के अनुसार उससे मिल सकती हैं।
मिशेल को चार दिसंबर को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से भारत प्रत्यर्पित किया गया था। वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदा मामले में वह उन तीन बिचौलियों में शामिल हैं, जिनके खिलाफ सीबीआई और ईडी जांच कर रही है। निदेशालय ने उसे 22 दिसंबर, 2018 को गिरफ्तार किया था।