नई दिल्ली : 16वीं लोकसभा का कार्यकाल खत्म होने के कगार पर है। सदन की कार्यवाही में लगातार व्यवधान के कारण बनी आम धारणा के विपरीत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासन की उत्पादकता संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग)-2 से अधिक रही, लेकिन संप्रग-1 के कार्यकाल की तुलना में थोड़ी कम रही।
पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च द्वारा आईएएनएस के साथ साझा किए गए 16वीं लोकसभा सत्र के संपूर्ण आंकड़ों (बीते कुछ दिनों को छोड़कर) के मुताबिक, वर्तमान लोकसभा की उत्पादकता (छह फरवरी तक) 83 फीसदी रही, जो कि संप्रग-2 की 63 फीसदी से कहीं ज्यादा है और संप्रग-1 के 87 फीसदी की तुलना में थोड़ा कम है।
लोकसभा में 156 विधेयक पारित हुए, जबकि राज्यसभा द्वारा 118 को मंजूरी दी गई। संविधान (122वां संशोधन) (जीएसटी) विधेयक, 2014 को पारित किए जाने से पहले करीब 12 घंटों तक चर्चा हुई और यह दो सत्रों तक चली।
लोकसभा में अभी भी 46 विधेयक लंबित हैं, जबकि 33 विधेयक राज्यसभा में लटके हुए हैं। लोकसभा की 327 बैठकें हुईं और राज्यसभा की कार्यवाही निचले सदन की तुलना में दो दिन कम चली।
दूसरी सबसे लंबी चर्चा भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास व पुनस्र्थापन में उचित मुआवजा और पारदर्शिता का अधिकार (संशोधन) विधेयक, 2015 पर हुई, जो करीब 10 घंटे तक चली।
लोकसभा सचिवालय के मुताबिक, फरवरी से अप्रैल 2018 तक चला 16वीं लोकसभा का 14वां सत्र सबसे ज्यादा बाधित रहा। इसमें करीब 127 घंटे, 45 मिनट की हानि हुई।
पहला सत्र सबसे कम व्यवधान वाला रहा, जिसमें केवल 16 मिनट बर्बाद हुए। इसके अलावा कुछ अन्य मुख्य बिंदु हैं :
-100 फीसदी उपस्थिति : उत्तर प्रदेश के बांदा से पहली बार सांसद बने भाजपा के भैरों प्रसाद मिश्रा, उत्तरी मुंबई से भाजपा के गोपाल चिन्नैया शेट्टी, ओडिशा के जगतसिंगपुर से बीजद सांसद कुलमणि सामल और हरियाणा के सोनीपत से भाजपा के रमेश चंद्र कौशिक की एक जून, 2014 से छह फरवरी, 2019 तक 100 फीसदी उपस्थिति रही।
– सबसे ज्यादा सवाल पूछने वाले सांसद : महाराष्ट्र के सांसदों ने सबसे ज्यादा सवाल पूछे। इनके साथ राकांपा की बारामती से सुप्रिया सुले और उनके पार्टी सहयोगी विजय सिंह शंकरराव मोहिते ने 1,100 से ज्यादा सवाल पूछे।
– संसद में राहुल गांधी : मोदी सरकार के खिलाफ आक्रामक रहे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सदन में उपस्थिति 52 फीसदी रही। उन्होंने 14 बहसों में हिस्सा लिया और कोई सवाल नहीं पूछे। इसके अलावा उन्होंने कोई निजी सदस्य विधेयक भी पेश नहीं किया।
– सबसे अधिक निजी सदस्य विधेयक : झारखंड से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 48 निजी सदस्य विधेयक पेश किए। वहीं भाजपा के गोपाल चिन्नैया शेट्टी ने 32 विधेयक पेश किए।