कोलकाता : जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत दो पड़ोसी देशों के बीच बढ़ रहे तनाव के कारण पाकिस्तान को चाय का निर्यात रोक सकता है। इस हमले में अर्धसैनिक बलों के 49 जवान शहीद हो गए हैं। निर्यातक निकाय ने कहा है कि नुकसान के बावजूद वे केंद्र सरकार के प्रतिशोधात्मक उपाय के तहत निर्यात रोकने को तैयार हैं।
यह पूछे जाने पर कि क्या भारतीय चाय निर्यातक संघ (आईटीईए) पाकिस्तान को निर्यात रोकने के लिए तैयार है। संघ के अध्यक्ष अंशुमन कनोरिया ने जोर देकर कहा, बेशक, हम तैयार हैं। देश और हमारे बलों और देशवासियों की सुरक्षा पहले आती है और व्यापार उसके बाद है।
कनोरिया ने कहा कि चाय निर्यातक केंद्र सरकार के किसी भी फैसले का समर्थन करेंगे। गुरुवार को हुआ यह हमला जम्मू एवं कश्मीर में 1989 में आंतकवाद के उभार के बाद से सबसे बड़ा हमला है।
इसमें विस्फोटकों से भरी एक एसयूवी को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की बस से जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर पुलवामा जिले में टकरा दिया गया, जिसमें अबतक 49 जवानों की मौत हो गई है और 34 अन्य घायल हैं।
कनोरिया ने आईएएनएस को बताया, भीषण आतंकी हमले के बाद हमने वाणिज्यिक प्रभाव के बारे में सोचने की जहमत नहीं उठाई है। देश पहले आता है और हम वास्तव में सरकार के दिशानिर्देश का इंतजार कर रहे हैं।
कनोरिया की बात का समर्थन करते हुए इंडिया टी एसोसिएशन के अध्यक्ष विवेक गोयनका ने आईएएनएस से कहा, जब भी दोनों देशों में तनाव बढ़ता है, निर्यात प्रभावित होता है। हमने अतीत में भी ऐसा देखा है। हालांकि हम केंद्र सरकार के फैसले का पूर्ण समर्थन करते हैं। देश की सुरक्षा ज्यादा जरूरी है।
टी बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2018 में पाकिस्तान को कुल 1.58 करोड़ किलोग्राम चाय का निर्यात किया गया, जो पिछले साल से 7.5 फीसदी अधिक है। साल 2017 में पाकिस्तान को कुल 1.54 करोड़ किलोग्राम चाय का निर्यात किया गया था।