नई दिल्ली : गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में शनिवार को सर्वदलीय बैठक ने 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया।
हमले में 49 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए।
केंद्र द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया, हम जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा में हुए कायराना हमले की कड़ी निंदा करते हैं, जिसमें सीआरपीएफ के 40 (गुरुवार को आए आंकड़े) वीर जवानों की जान चली गई। हम दुख की इस घड़ी में सभी देशवासियों के साथ उनके परिवारों के साथ खड़े हैं।
प्रस्ताव में कहा गया, हम हर रूप में आतंकवाद की और सीमा पार से उसे दिए जा रहे समर्थन की कड़ी निंदा करते हैं।
प्रस्ताव में साथ ही कहा गया कि पिछले तीन दशकों में देश ने सीमा-पार से आतंकवाद का दंश झेला है और भारत ने इन चुनौतियों से लड़ने में दृढ़ता और लचीलापन दोनों दिखाए हैं।
प्रस्ताव में कहा गया, पूरा देश इन चुनौतियों से लड़ने के लिए अपना दृढ़ संकल्प व्यक्त करते हुए एक सुर में बोल रहा है। आज हम आंतकवाद से मुकाबला करने और देश की एकता और अखंडता की रक्षा करने के लिए हमारे सुरक्षा बलों के साथ एकजुटता के साथ खड़े हैं।
1989 में आतंकवाद के सिर उठाने के बाद से अब तक के सबसे जघन्य हमले में गुरुवार को जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा जिले में जैश-ए-मोहम्मद के एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से भरी अपनी एसयूवी को सीआरपीएफ की बस से टक्कर मार दी थी, जिसमें कम से कम 40 जवान मौके पर ही शहीद हो गए। गंभीर रूप से घायल कई जवानों की मौत के बाद इस हमले में शहीद हुए जवानों का आंकड़ा शुक्रवार को 49 हो गया।