नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) यस बैंक पर गोपनीयता मानकों का उल्लंघन करने के लिए मौद्रिक जुर्माना लगा सकता है।
आरबीआई निजी बैंक के साथ सूचनाओं के आदान-प्रदान के गोपनीयता के मानकों का उल्लंघन करने के लिए यस बैंक पर जुर्माना लगा सकता है। बताया जाता है कि केंद्रीय बैंक इसे बाजार केंद्रित सूचना मानता है, जिसका लक्ष्य स्टॉक को बढ़ावा देना है।
आरबीआई के आदेश के बाद बैंक को केंद्रीय बैंक की चेतावनी का खुलासा करना पड़ा और उसके स्टॉक की कीमत 1.72 फीसदी गिरकर 15 फरवरी को 217.45 रुपये रह गई। यस बैंक द्वारा एनपीए में बदलाव को लेकर इसके समाधान में आरबीआई के आकलन का खुलासा किए जाने पर बैंक के शेयर में 14 फरवरी को 31 फीसदी का उछाल आया।
यस बैंक ने आरबीआई के साथ इसकी सूचनाओं के आदान-प्रदान को सार्वजनिक कर दिया, जिसमें इसने कहा कि केंद्रीय बैंक ने 2017-18 में गैर-निष्पादित परिसंपत्ति में कोई बदलाव नहीं पाया। इसके तुरंत बाद इसके शेयर में उछाल आ गया, जिससे वह शीर्ष बैंक की निगाह में आ गया। केंद्रीय बैंक ने पहली बार इस तरीके से यस बैंक को कहा कि जोखिम आकलन रिपोर्ट गोपनीय दस्तावेज होती है और बैंक द्वारा इसका खुलासा जानबूझकर गुमराह करने के लिए किया गया।
संस्थानिक शेयरधारक कार्यकर्ता इनगवर्न के प्रबंध निदेशक श्रीराम सुब्रह्मण्यम ने आईएएनएस को बताया कि केंद्रीय बैंक इस मामले में जुर्माना लगा सकता है, जो बहुत अधिक रकम नहीं होगी। पिछले एक महीने में आरबीआई ने इसको लेकर कई बैंकों पर जुर्माना लगाया है। उन्होंने कहा कि यह इतना बड़ा अपराध नहीं है कि आरबीआई बैंक का लाइसेंस रद्द कर देगा और यह सिर्फ संकेत है कि उल्लंघन हुआ है।
हाल ही में आरबीआई ने सार्वजनिक क्षेत्र के चार बैंकों पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। कॉरपोरेशन बैंक पर दो करोड़ रुपये और भारतीय स्टेट बैंक , बैंक ऑफ बड़ौदा और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया पर एक-एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया।