कोलकाता : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने हाल ही में ऐसे संकेत दिए थे कि वह इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के आने वाले सीजन में भारत के खिलाड़ियों के वर्कलोड पर नजर रखेगा लेकिन कोलकाता नाइट राइडर्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) वैंकी मैसूर ने मंगलवार को कहा कि उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं मिली है।
उन्होंने आत्मविश्वास के साथ कहा कि इस तरह की स्थिति नहीं आएगी और चीजें अच्छे से होंगी।
मैसूर ने यहां ईडन गरडस स्टेडियम में मेयर्स कप से इतर संवाददाताओं से कहा, ईमानदारी से कहूं तो यह काल्पनिक स्थिति है। मुझे नहीं लगता कि ऐसी स्थिति सामने आएगी क्योंकि खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों के साथ रहने और प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेलना अभ्यास सत्र में समय बिताने से ज्यादा बेहतर है।
इस मौके पर नाइट राइडर्स के कप्तान दिनेश कार्तिक और अकादमी के मुख्य कोच तथा मेंटोर अभिषेक नायर भी मौजूद थे।
मैसूर ने कहा, 12 मई को फाइनल में दो टीमें रहेंगी। उससे पहले प्लेऑफ हैं। इसलिए ऐसा नहीं है कि टूर्नामेंट से हर कोई जुड़ा रहेगा। यह टीम पर निर्भर करता है। मुझे लगाता है कि सभी कुछ अच्छे से होगा।
बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी और मुख्य चयनकर्ता एम.एस.के प्रसाद ने हाल ही में कहा था कि वह इंग्लैंड में इसी साल मई से शुरू होने वाले विश्व कप से पहले होने वाले आईपीएल में भारतीय खिलाड़ियों के वर्कलोड पर ध्यान रखेंगे।
विश्व कप की शुरुआत 30 मई से हो रही है जो 14 जुलाई तक चलेगा। वहीं आईपीएल की शुरुआत 23 मार्च से हो रही है।
मैसूर से जब बोर्ड के इस बयान के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, हमने उनसे इस तरह की बात को नहीं सुना है। टूर्नामेंट काफी पहले खत्म हो रहा है। अगर 12 मई को फाइनल होगा और भारत विश्व कप में अपना पहला मैच पांच जून को खेलती है तो मुझे लगता है कि दोनों के बीच काफी अंतर है, लेकिन हमें किसी तरह का आदेश नहीं मिला है।
इसी साल आम चुनाव होने हैं ऐसे में हो सकता है कि फ्रेंचाइजियों को तटस्थ स्थानों पर मैच खेलने पड़े।
इसे लकेर मैसूर ने कहा, इस बात की काफी संभावनाएं हैं। जो मैंने सुना है उसके हिसाब से वह पूरा टूर्नामेंट भारत में कराना चाहते हैं। इसलिए हो सकता है कि तटस्थ स्थानों पर मैच खेले जाएं। यह देश के बाहर तटस्थ स्थानों पर खेलने से बेहतर है।