अगरतला : बीएसएनएल के अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि कंपनी के कर्मचारियों द्वारा आहूत तीन दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल से पूर्वोत्तर में उसकी सेवा अप्रभावित रही है।
बीएसएनएल के असम, मेघालय और त्रिपुरा के अधिकारियों ने कहा कि सोमवार से जारी हड़ताल का मेघालय को छोड़कर पूर्वोत्तर के सातों राज्यों में उसकी सेवा पर कोई खास असर नहीं पड़ा।
उधर, त्रिपुरा में ऑल इंडिया यूनियन एंड एसोसिएशन ऑफ बीएसएनएल (एयूएबी) के नेता शंकर बर्धन ने बताया कि प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर पूरे इलाके में प्रदर्शन किया और रैलियां निकालीं। एयूएबी के आहवान पर बीएसएनएल के कर्मचारी हड़ताल पर रहे।
एयूएबी ने बीएसएनएल को 4जी का आवंटन, तीसरी वेतन समीक्षा के तहत अनुलाभ समेत अपनी कई मांगें उठाई हैं। उनकी मांगों में एक जनवरी 2017 से सेवानिवृत्त बीएसएनएल कर्मचारियों के लिए पेंशन का पुनरीक्षण भी शामिल है।
बर्धन ने मीडिया से कहा, आश्वासन और सहमति के बावजूद दूरसंचार मंत्रालय ने 18 साल बाद भी डीओटी की विशाल संपत्ति वापस नहीं की है। बर्धन के अनुसार, बीएसएनएल के 6,000 कर्मचारियों व अधिकारियों में से 90 फीसदी से अधिक ने हड़ताल में हिस्सा लिया है।