सियोल : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दक्षिण कोरिया के प्रमुख योनसेई विश्वविद्यालय में महात्मा गांधी की प्रतिमा (बस्ट) का अनावरण किया और कहा कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मद्देनजर इस अवसर का महत्व अधिक है।
मोदी ने दक्षिण कोरिया की राजधानी में अपने संबोधन में कहा, 20वीं सदी में, महात्मा गांधी शायद मानव जाति का सबसे बड़ा उपहार थे। पिछली सदी में उन्होंने अपनी जिंदगी और शख्सियत से दिखाया कि भविष्य क्या हो सकता है। वह अक्सर यह कहते थे कि मेरी जिंदगी एक संदेश है।
उन्होंने कहा, इस अवसर की बहुत महत्ता है क्योंकि हम इस साल महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहे हैं और विश्व, मानव जाति के हितों के लिए महात्मा गांधी के सिद्धांतों में भविष्य तलाश रहा है।
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा बाद में किए गए एक ट्वीट में मोदी के हवाले से कहा गया, बापू के विचारों व आदर्शो ने हमें आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन के खतरों से पार पाने में मदद की शक्ति दी है। इस वक्त मानव जति इन दोनों चुनौतियों का सामना कर रही है।
उन्होंने कहा, अपनी जीवनशैली के माध्यम से बापू ने दिखाया कि प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाकर जीना क्या होता है। उन्होंने यह भी दिखाया कि भावी पीढ़ी के लिए एक स्वच्छ और हरित ग्रह छोड़ना भी महत्वपूर्ण है।
संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव बान की मून के संबोधन के बाद मोदी ने अपनी बात कही। बान की मून ने महात्मा गांधी की जयंती दो अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि वह महात्मा गांधी की 150वीं जयंती का हिस्सा बनकर सम्मानित महसूस कर रहे हैं।
मोदी दो दिवसीय दक्षिण कोरिया के दौरे पर हैं, जहां वह सियोल शांति पुरस्कार प्राप्त करेंगे और व्यापार व राजनीतिक बैठकों में शिरकत करेंगे। इसके अलावा वह भारत-कोरिया व्यापार संगोष्ठी को भी संबोधित करेंगे।