राजामुंद्री (आंध्र प्रदेश) : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने गुरुवार को कांग्रेस पर पुलवामा आतंकी हमले का राजनीतिकरण करने और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता के बारे में संदेह पैदा करने के लिए हमला बोला।
पिछले पांच वर्षो के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा को मोदी सरकार की शीर्ष प्राथमिकता करार देते हुए उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टी के आरोपों का उन लोगों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, जो प्रधानमंत्री पर भरोसा करते हैं।
शाह ने कहा कि जब यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई, तब मोदी एक कार्यक्रम में थे और कांग्रेस पार्टी इसे मुद्दा बना रही है।
शाह परोक्ष रूप से कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के आरोपों का जवाब दे रहे थे। सुरजेवाला ने आरोप लगाया था कि जिस दिन पुलवामा आंतकी हमला हुआ, उस दिन मोदी कॉर्बेट नेशनल पार्क में डाक्यूमेंट्री की शूटिंग कर रहे थे और आतंकी घटना की खबर आने के बाद भी उन्होंने शूटिंग जारी रखी।
भाजपा अध्यक्ष लाभार्थी संपर्क अभियान को शुरू करने के लिए यहां आंध्र कस्बे में जनसभा को संबोधित कर रहे थे। यह अभियान भाजपा सरकार के कार्यक्रमों के 22 करोड़ से ज्यादा लाभार्थियों से संपर्क करने का राष्ट्रव्यापी अभियान है।
भाजपा प्रमुख ने कांग्रेस से भाजपा को देशभक्ति का पाठ नहीं पढ़ाने को कहा और यहां तक आरोप लगा दिया कि विपक्षी पार्टी ने मोदी को हटाने के लिए आतंकवाद का समर्थन लिया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास मोदी या भाजपा से सवाल पूछने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है क्योंकि यह कांग्रेस ही है, जिसने सेना को गली का गुंडा करार दिया था और 2016 सर्जिकल स्ट्राइक पर संदेह पैदा किया था और उनके नेता नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्तानी सेना प्रमुख से गले भी मिले थे।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष (सोनिया गांधी) आतंकियों की मौत पर रोई थीं और उनके वर्तमान अध्यक्ष राहुल गांधी ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में जाकर उन लोगों की प्रशंसा की, जिन्होंने राष्ट्र विरोधी नारे लगाए थे।
अमित शाह ने कहा कि पूरा देश शहीद सैनिकों के परिवारों के पीछे एक चट्टान की तरह खड़ा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सेना को आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए समय व जगह तय करने की पूरी छूट दी है।
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को कश्मीर समस्या अनसुलझी रहने के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, अगर सरदार वल्लभभाई पटेल प्रधानमंत्री बनते तो कश्मीर की समस्या ही नहीं होती। सरदार पटेल ने हैदराबाद की समस्या का समाधान किया, जो कि आज गर्व से भारत का हिस्सा है।