श्रीनगर : जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को कश्मीरी छात्रों पर कथित हमलों पर चुप्पी साधे रखने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व कांग्रेस की आलोचना की।
यहां मीडिया से बातचीत करते हुए अब्दुल्ला ने कहा, कश्मीरी छात्रों पर हमले के परिणामस्वरूप कश्मीरियों में अलगाव की और भावना पैदा होगी।
उन्होंने कहा, राज्य के बाहर अध्ययन कर रहे कश्मीरी लड़के व लड़कियों का राजनीति या कश्मीरी मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं है। वे सामान्य रूप से अपना करियर बनाने की कोशिश में लगे हैं।
उन्होंने कहा, इन छात्रों ने किसी तरह से हमसे संपर्क किया। इनका कहना है कि उन्हें राज्य से बाहर विभिन्न कॉलेजों व विश्वविद्यालयों को छोड़ने के लिए परेशान किया जा रहा है व धमकी दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि जो कश्मीरियों को निशाना बना रहे हैं, उन्हें प्रतिष्ठान की शह प्राप्त है। एक राज्यपाल ने कश्मीरियों के बहिष्कार का आह्वान किया है।
उन्होंने राज्य के बाहर कश्मीरी छात्रों व व्यापारियों पर हमले को लेकर मोदी की चुप्पी की आलोचना की।
उन्होंने कहा, कश्मीरी छात्रों पर हमले की प्रधानमंत्री ने निंदा नहीं की। अगर वह व्यस्त हैं तो गृहमंत्री कुछ कह सकते हैं। यहां तक कि कांग्रेस ने भी सांत्वना के शब्द नहीं बोले। हमें एक राजनेता (स्टेट्समैन) की जरूरत है, नेता (पोलिटीशियन) की नहीं।
नेशनल कांफ्रेंस के नेता ने कहा, मेरी चिंता मुख्यधारा के राजनीतिक दलों के सदस्यों की सुरक्षा वापसी को लेकर भी है।
उन्होंने कहा, एक तरफ आप हमसे संसद व विधानसभा चुनावों की तैयारी के लिए कह रहे हैं, दूसरी तरफ आप हमसे कह रहे हैं कि हम सरकार से सुरक्षा पाने के लायक नहीं हैं।