बेंगलुरू : सैन्य विमानन नियामक सेमिलैक से हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस को फाइनल ऑपरेशनल क्लीयरेंस (एफओसी) मिल जाने के बाद सरकार के स्वामित्व वाले हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने भारतीय वायु सेना की परिचालन टुकड़ी को इस साल के अंत तक 16 तेजस विमानों की आपूर्ति के लिए तैयारी बढ़ा दी है। एक शीर्ष अधिकारी ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी।
एचएएल के अध्यक्ष आर. माधवन ने यहां एयरो इंडिया एयर शो में आईएएनएस को बताया, हम इस वर्ष के अंत तक भारतीय वायुसेना को एफओसी कॉन्फिगरेशन में 16 तेजस विमान देने की योजना बना रहे हैं और अगले साल शेष बचे चार विमान दे दिए जाएंगे। इसके लिए हमने अपने बेंगलुरू परिसर में 1,380 करोड़ रुपये के निवेश के साथ उत्पादन क्षमता बढ़ा दी है।
लड़ाकू विमान के सह-विकास और विनिर्माण में साझेदार के रूप में शहर के रक्षा दिग्गज ने वायुसेना को इनिशियल ऑपरेशनल क्लीयरेंस (आईओसी) कॉन्फिगरेशन में पहले ही 16 तेजस विमानों को आपूर्ति कर दी है।
माधवन ने कहा, वायुसेना ने हमें आईओसी कॉन्फिगरेशन में 20 में से बचे चार को प्रशिक्षु के रूप में बनाने को कहा है और एफओसी कॉन्फिगरेशन में 20 के दूसरे ऑर्डर में से 16 को परिचालन टुकड़ी में शामिल करने को कहा है।
कंपनी को और लड़ाकू विमान बनाने के लिए सितंबर-अक्टूबर तक अतिरिक्त नमूने दिए जाएंगे।
माधवन ने कहा, वायुसेना टुकड़ी में शामिल होने के लिए एलसीए को एफओसी मिलने के बाद हम वायुसेना द्वारा ऑर्डर हासिल करने पर 83 अतिरिक्त तेजस विमानों के निर्माण की हमारी उत्पादन क्षमता में विस्तार करेंगे।
वायुसेना ने एचएल को अवगत कराया है कि उसे अपने अग्रिम मोर्चे के लिए 83 और एलसीए मार्क 1 की जरूरत है हालांकि सरकार को एयरोस्पेस प्रमुख द्वारा उत्पादन के लिए उनकी लागत को स्पष्ट करना अभी बाकी है।
माधवन ने बुधवार को कहा था, हमने हथियार के साथ 83 एलसीए मार्क-1 के लिए वायुसेना के प्रस्ताव के अनुरोध पर जवाब दे दिया है।