नई दिल्ली : वैश्विक अर्थव्यवस्था में आगे जहां 2019 और 2020 में कमजोरी आने की संभावना है, वहीं भारत की अर्थव्यवस्था की विकास दर दोनों वर्षो के दौरान 7.3 फीसदी रह सकती है, क्योंकि वैश्विक आर्थिक मंदी का खतरा इस पर कम रहेगा। यह अमेरिकी रेटिंग एजेंसी मूडीज का आकलन है।
अमेरिकी रेटिंग एजेंसी ने अपनी तिमाही रिपोर्ट ग्लोबल मैक्रो आउटलुक-2019 में कहा है, हम उम्मीद करते हैं कि भारत की आर्थिक विकास दर दोनों साल 7.3 फीसदी रहेगी।
रेटिंग एजेंसी का यह अनुमान कैलेंडर वर्ष (जनवरी-दिसंबर) पर आधारित है।
वैश्विक आर्थिक विकास की रफ्तार मंद पड़ने के खतरों और 2019 में मौद्रिक नीति सामान्यीकरण सुस्त रहने का जिक्र करते हुए रेटिंग एजेंसी ने कहा है, वर्ष 2018 की चौथी तिमाही में वैश्विक अर्थव्यवस्था काफी कमजोर हो गई और इसमें 2019 से लेकर 2020 तक सुस्ती जारी रहेगी।
रेटिंग एजेंसी ने हालांकि कहा है कि भारत और इंडोनेशिया अपेक्षाकृत स्थिर दर से आर्थिक विकास हासिल करने को तैयार हैं।
एजेंसी ने कहा है, हालांकि अछूते नहीं रहते हुए भी भारत और इंडोनेशिया पर दुनियाभर में विनिर्माण क्षेत्र के व्यापार में मंदी का असर एशिया की अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं और उभरते बाजारों की अपेक्षा कम होगा।
मूडीज ने कहा कि इस साल चुनाव से पहले घोषित सरकारी खर्च से उपभोग में वृद्धि होने से आने वाले समय में भारत के आर्थिक विकास को सपोर्ट मिलेगा। इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) पिछले साल थोड़ा सख्त रवैया अपनाने के बाद आगे मौजूदा मौद्रिक नीति के रुख पर कायम रहेगा।
फरवरी में पेश अंतरिम बजट में सरकार ने संकटग्रस्त किसानों के लिए राहत पैकेज की घोषणा की और मध्यम वर्ग के आयकरदाताओं को कर में राहत प्रदान की।
एजेंसी ने कहा, किसानों के लिए सीधा नकदी हस्तांतरण कार्यक्रम और मध्यवर्ग को कर राहत प्रदान करने के कदमों से सरकार का वित्तीय खर्च जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का 0.45 फीसदी बढ़ जाएगा।