इस्लामाबाद : पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविर पर भारत द्वारा इस सप्ताह हमला करने को भारत की आक्रमकता मानते हुए पाकिस्तानी संसद ने शुक्रवार को सर्वसम्मति से इसके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया।
जियो न्यूज के अनुसार, यह प्रस्ताव विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने पेश किया, जिन्होंने शुक्रवार को इससे पहले कहा था कि संयुक्त अरब अमीरात में होने वाले इस्लामिक सहयोग संगठन के सम्मेलन में उनकी भारतीय समकक्ष सुषमा स्वराज के शामिल होने के कारण वह इस सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे।
जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद द्वारा किए गए हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
जवाबी कार्रवाई करते हुए भारत ने गुरुवार को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में बालाकोट स्थित जैश के सबसे बड़े आतंकवादी शिविर पर बमबारी कर बड़ी संख्या में आतंकवादियों का खात्मा कर दिया था। इसके बाद बुधवार को नियंत्रण रेखा के पास पाकिस्तानी वायुसेना के लड़ाकू विमान के हमले में भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद उन्होंने अभिनंदन को हिरासत में ले लिया था।
प्रस्ताव के अनुसार, संसद के संयुक्त सत्र ने 26 और 27 फरवरी को भारत द्वारा दिखाई गई आक्रमकता की कड़ी निंदा की है। यह आक्रमकता संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतर्राष्ट्रीय कानून और अंतर्राज्यीय कानूनों के खिलाफ है।
प्रस्ताव में भारत द्वारा आत्मरक्षा और आतंकवादी शिविरों को ध्वस्त करने और भारी नुकसान करने के काल्पनिक दावों को सिरे से खारिज कर दिया गया।
प्रस्ताव में पुलवामा हमले के बाद भारत के आधारहीन आरोपों की निंदा करते हुए उन्हें राजनीति से प्रेरित बताया गया है और भारत के सभी राजनीतिक दलों के बयानों तथा घटना के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा भारत को सहयोग के प्रस्ताव का उल्लेख किया गया है।