नई दिल्ली : जहां तक चुनौतीपूर्ण फिल्मों और किरदारों की बात है, अभिनेत्री दिव्या दत्ता ज्यादा से ज्यादा ये फिल्में करना चाहती हैं।
साल 2018 में सहायक अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाली दिव्या का चयन 2019 में अलग-अलग तरह का तथा प्रभावशाली है।
इस साल वे नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई की बायोपिक गुल मकई, नेटफ्लिक्स फिल्म म्यूजिक टीचर, बच्चों की फिल्म झलकी. ए डिफरेंट चाइल्डहुड, अरशद वारसी और जूही चावला के साथ एक साइकोथ्रिलर फिल्म अभी तो पार्टी शुरू हुई है और राम सिंह चार्ली करेंगी और ये सभी फिल्में अलग-अलग श्रेणी की हैं।
दिव्या ने एक साक्षात्कार में आईएएनएस से कहा, यह अच्छा है। मुझे लगता है कि मैं पहले से लालची तथा सिलेक्टिव हो गई हूं लेकिन मुझे यह प्यारा लगता है।
उन्होंने कहा, अभी कोई योजना या रणनीति नहीं है कि मैं सिर्फ ये करूंगी। लेकिन यह सिर्फ ऐसा है कि आपका दिल कहता है कि अब ये मत करो और सिर्फ यही करो या आगे बढ़ो और कुछ बिल्कुल अलग काम करो. मुझे और ज्यादा प्रयोग करना पसंद है।
उन्होंने कहा, जब आपको दर्शक स्वीकार कर लेते हैं, आप प्रसिद्ध हो जाते हैं और जनता से प्यार मिलता है तो, वे (फिल्म उद्योग के सदस्य) आपको चुनने तथा और ज्यादा चुनौतियां स्वीकार करने की आजादी देते हैं। मैंने हमेशा ये किया है लेकिन मुझे लगता है कि मैं उस स्थिति में हूं कि मैं बैठकर पटकथा पढ़कर ये बोल सकूं कि मैं यह करना चाहती हूं या मैं यह नहीं करना चाहती हूं।
दिव्या ने बॉलीवुड में अपना सफर 1994 में इश्क में जीना इश्क में मरना से शुरू किया था। वे वीर-जारा, दिल्ली-6, हीरोइन, भाग मिल्खा भाग, ट्रैफिक और इरादा में अपने अभिनय के लिए काफी प्रशंसा बटोर चुकी हैं। इरादा के लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था।
पिछले साल इंटरनेशल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (आईएफएफआई) में दिव्या ने खुलासा किया था कि उन्हें यश चोपड़ा की वीर-जारा में सहायक अभिनेत्री का किरदार निभाने में शर्म महसूस होती थी। लेकिन सीमा-पार की प्रेम कहानी में शब्बो के उनके किरदार को काफी पसंद किया गया था।
यश राज बैनर की फिल्म में मुख्य अभिनेत्री का किरदार अभी भी उनके लिए सपना है, इस प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि अब समय बदल गया है। अब हर कोई कहानी पर ध्यान देता है। सभी कथित स्टार मेरी निभाई भूमिकाएं निभाना चाहते हैं। कहानी की भूमिका विशेष हो गई है।
उन्होंने कहा, लेकिन बेशक, हम यश चोपड़ा की फिल्में देखकर बड़े हुए हैं। अगर मौका मिले तो मैं आल्प्स पर्वत पर शिफॉन साड़ी में डांस करूंगी।