इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) सहित प्रतिबंधित संगठनों के एक समूह को उच्च जोखिम श्रेणी में डालने का फैसला किया है और फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की जरूरतों का पूरा करने के लिए उनकी गतिविधियों की निगरानी और फिर से जांच शुरू कर दी है।
डॉन न्यूज की शनिवार की रिपोर्ट के मुताबिक, वित्तीय अपराधों के लिए पेरिस की वैश्विक निगरानी संस्था ने इन संगठनों के कम या मध्यम जोखिम वाली श्रेणी में होने पर चिंता व्यक्त करते हुए नाखुशी जताई थी और कहा था कि पाकिस्तान ने जेईएम, इस्लामिक स्टेट (आईएस), अल कायदा, जमात उद-दावा, फलह-ई-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ), लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), हक्कानी नेटवर्क और तालिबान से जुड़े लोगों द्वारा पैदा किए गए आतंकी वित्तपोषण जोखिमों के प्रति उचित समझ प्रदर्शित नहीं की है।
जानकारी प्राप्त एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि अब इन सभी समूहों को उच्च जोखिम संगठन करार दिया जाएगा और देश की सभी एजेंसियों व संस्थानों द्वारा इनकी अच्छी तरह से जांच की जाएगी। ये जांच इनके पंजीकरण से शुरू होगी और फिर संचालन, फंड जुटाने से लेकर बैंक खातों, संदिग्ध लेन-देन, सूचनाएं साझा करने और अन्य गतिविधियों की जांच की जाएगी।
इन संस्थानों में संघीय जांच एजेंसी, प्रतिभूति और विनिमय आयोग पाकिस्तान, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान, राष्ट्रीय भ्रष्टाचार रोधी प्राधिकरण, वित्तीय निगरानी इकाई शामिल हैं, जो इन गतिविधियों की जांच करेंगी।
उन्होंने कहा कि यह फैसला एफएटीएफ पर वित्त सचिव आरिफ अहमद खान के नेतृत्व वाली सामान्य परिषद की एक बैठक में लिया गया। यह बैठक निगरानी संस्था की बाध्यताओं को पूरा करने की सिलसिलेवार बैठकों के हिस्से के रूप में हुई थी।
खान ने एफएटीएफ की प्लेनरी की 18 से 22 फरवरी के दौरान हुई बैठकों व उसकी समूह समीक्षाओं के दौरान पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था।