नई दिल्ली : कांग्रेस ने रविवार को मोदी सरकार पर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) व बेल्जियम से भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण की मांग नहीं करने को लेकर उसे बचाने का आरोप लगाया।
कांग्रेस ने यह आरोप भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चौकसी द्वारा खुद को बेल्जियम का नागरिक बताने के बाद लंदन में एक कंपनी को निगमित कराने की बात सामने आने पर लगाया है।
यूएई व बेल्जियम, दोनों के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि है।
मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने दस्तावेजों को दिखाया, जिसके मुताबिक चोकसी ने सात मार्च को अपनी कंपनी रेह वेंचर एलएलपी को लंदन में निगमित करने के लिए आवेदन किया है। लंदन में मेहुल चोकसी ने खुद को बेल्जियम नागरिक होने का दावा किया है और मिलोनी जेम्स, जुमेराह, दुबई संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को अपना मुख्य पता बताया है।
भारत के बेल्जियम व यूएई, दोनों के साथ प्रत्यर्पण संधियां होने का जिक्र करते हुए खेड़ा ने जानना चाहा कि भारतीय एजेंसियां चोकसी को एंटीगुआ से प्राप्त करने की कोशिश क्यों कर रही थीं, एक ऐसे देश से जिसके साथ भारत की कोई प्रत्यर्पण संधि नहीं है।
खेड़ा ने कहा, चोकसी साफ तौर पर कहता है कि वह बेल्जियम का नागरिक है। इस देश के साथ भारत की प्रत्यर्पण संधि है। वह अपने मुख्य पते के तौर पर यूएई के दुबई का पता देता। यूएई के साथ हमारी प्रत्यर्पण संधि है। इसलिए क्यों भारतीय एजेंसियां उसे एंटीगुआ से तलाश कर रही है, जहां वह न तो रहता है और न वहां की नागरिकता है।
कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा कि क्या भारतीय एजेंसियों ने जानबूझकर चोकसी को बचाने के लिए कार्रवाई नहीं की।
चोकसी करोड़ों रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले का प्रमुख आरोपी है।
उन्होंने कहा, चोकसी ने सिर्फ तीन दिन पहले एक शेल कंपनी खोली और भारतीय एजेंसियों को इसके बारे में कोई सुराग ही नहीं है। मोदी सरकार चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने का दावा करती है।
उन्होंने कहा, सवाल यह है कि क्या ब्रिटेन ने सूचना प्रदान की और एजेंसियों ने जानबूझकर कार्रवाई नहीं की या रेड कॉर्नर नोटिस के बावजूद भी ब्रिटेन के अधिकारियों ने भारतीय अधिकारियों को सूचित नहीं किया?
प्रधानमंत्री मोदी व उनकी सरकार पर चोकसी व नीरव मोदी जैसे धोखेबाजों की मदद करने का आरोप लगाते हुए खेड़ा ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पर भगोड़ों को पकड़ने में नाकाम रहने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, क्या ईडी व केंद्रीय जांच ब्यूरो इससे अंजान हैं? अगर नहीं हैं तो उन्होंने बेल्जियम से प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध क्यों नहीं किया। यह मोदी सरकार की बड़ी खुफिया विफलता की तरफ इशारा करता है।