प्रदीप शर्मा
नई दिल्ली : पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने सऊदी अरब के ऊर्र्जा मंत्री खालिद अल-फलीह के साथ बैठक में कच्चे तेल के दाम बढ़ने से घरेलू तेल की कीमतों में पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंता जताई।
धर्मेद्र प्रधान ने शनिवार को अल फलीह से बात करते हुए पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन ओपोक और अन्य तेल निर्यातकों द्वारा कच्चे तेल की सप्लाई में कटौती के मद्देनजर भारत को कच्चे तेल और एलपीजी की निर्बाध सप्लाई को लेकर बातचीत की।
अल फलीह की यात्रा सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की इस साल फरवरी में भारत दौरे के बाद पहली यात्रा है।
बयान में ये भी कहा गया कि दोनों मंत्रियों ने भूराजनीतिक घटनाक्रमों का वैश्विक तेल बाजार पर प्रभाव को लेकर भी चर्चा की।
इसी के साथ इन दोनों मंत्रियों ने भारत के तेल और गैस क्षेत्र में सऊदी के निवेश प्रस्तावों की समीक्षा की, जिसमें महाराष्ट्र में वेस्ट कोस्ट रिफाइनरी संयुक्त उपक्रम और पेट्रोकेमिलकल प्रोजेक्ट शामिल है। इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत लगभग 44 अरब डॉलर है, जो कि दुनिया की सबसे बड़ी ग्रीनफील्ड रिफाइनरी होगी।
दोनों नेताओं ने भारतीय रणनीतिक पेट्रोलियन रिजर्व (एसपीआर) प्रोग्राम में सऊदी अरब की भागीदारी पर भी बात की।
सऊदी अरब भारत को कच्चा तेल और एलपीजी निर्यात करने वाला दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है।
2017-18 में भारत में सऊदी अरब से 3.68 करोड़ टन (एमएमटी) कच्चा तेल आयात किया जो कि कुल आयात का 16.7 प्रतिशत था।