लखनऊ : लखनऊ से दोबारा लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने कभी भी जाति के मुद्दे पर चुनाव नहीं लड़ा है और न ही कभी लड़ेंगे।
इसके साथ ही उन्होंने कहा, मैंने अपने पूरे राजनीतिक करियर में हमेशा इंसानियत की राजनीति को आगे बढ़ाया है।
राजनाथ सिंह ने 2014 में यहां से चुनाव जीतकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहरी वाजपेयी की विरासत को संभाला था। वाजपेयी इस सीट से पांच बार सांसद बने थे।
राजनाथ ने आईएएनएस को दिए एक साक्षात्कार में कहा, मैंने लखनऊ के लिए काम किया है। बाहरी रिंग रोड से लेकर यातायात में सुगमता लाने, गोमती नगर रेलवे स्टेशन का विस्तार और सीवरेज प्रणाली का आधुनिकीकरण, मैंने लखनऊ में कई परियोजनाओं की करीब से निगरानी की है।
सिंह ने कहा कि लखनऊ में 24,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को शुरू किया गया है।
उन्होंने कहा, मैं लखनऊ का विकास करना चाहता हूं और उस सपने को पूरा करना चाहता हूं जिसे वाजपेयी ने देखा था।
गृहमंत्री ने कहा कि उन्हें उनके क्षेत्र के अल्पसंख्यकों का जबरदस्त समर्थन हासिल है। उन्होंने कहा कि वह उत्तर प्रदेश में भाजपा के एकमात्र मुख्यमंत्री थे, जिसने रमजान के दौरान मुस्लिमों के लिए इफ्तार पार्टियों का आयोजन किया था।
उन्होंने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नेताओं का एक धड़ा अपनी पूरी ऊर्जा भाजपा को अल्पसंख्यक विरोधी बताने में लगा हुआ है। सभी समुदाय के नेता मुझसे मुलाकात करते हैं और मैं अपनी पूरी क्षमता से उनकी समस्याओं को सुलझाने की कोशिश करता हूं।
गृहमंत्री ने कहा कि बीते पांच वर्षो में मोदी सरकार द्वारा बेहतरीन विकास किया गया है और राज्य में योगी आदित्यनाथ की सरकार के बीते दो सालों के कामकाज ने दोबारा भाजपा की जबरदस्त जीत सुनिश्चित की है।
भाजपा ने 16 मौजूदा सांसदों को टिकट नहीं दिया है, जिस वजह से उनमें असंतोष की भावना को लेकर सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा, यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। भाजपा एक परिवार है और अगर कोई सदस्य नाखुश है तो उनकी भावना को शांत किया जाएगा। टिकट बंटवारे के दौरान यह होता है और मीडिया हमेशा इसे उछालती है।
आगामी चुनावों में मुद्दों के बारे में गृहमंत्री ने कहा कि यह समझने योग्य है कि बालाकोट हवाई हमले के बाद पाकिस्तान में बौखलाहट थी, लेकिन वह यह नहीं समझ पा रहे हैं कि इस मुद्दे पर देश की विपक्षी पार्टियां क्यों निराश थीं।
उन्होंने कहा, विपक्षी दल राष्ट्रीय सुरक्षा पर मोदी सरकार को समर्थन देने की बात कहते हैं, लेकिन उसके बाद वे हवाई हमले पर सवाल उठाकर सशस्त्र बलों के मनोबल को तोड़ते हैं। ऐसा किसी अन्य देश में नहीं हुआ है और यह स्वागत योग्य ट्रेंड नहीं है।
राजनाथ ने कहा, मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि कोई भी सरकार के विरुद्ध भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा सकता और यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है।