श्रीनगर : जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि नेशनल कांफ्रेंस जम्मू एवं कश्मीर और भारत के बीच 1953 से पहले के संवैधानिक संबंध को बहाल करने के लिए लड़ेगी। बारामूला जिले के पट्टन में मीडिया को संबोधित करते हुए नेशनल कांफ्रेंस के नेता ने कहा, हम राज्य और भारत के बीच 1953 से पहले के संवैधानिक संबंध को बहाल करने के लिए लड़ेंगे।
अब्दुल्ला अपने दादा शेख मुहम्मद अब्दुल्ला की गिरफ्तारी के बाद जम्मू एवं कश्मीर को दिए गए संवैधानिक अधिकारों में कमी किए जाने का संदर्भ दे रहे थे। अब्दुल्ला अगस्त 1953 तक राज्य के वजीर-ए-आजम (प्रधानमंत्री) थे।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम बदलकर सदर-ए-रियासत और वजीर-ए-आजम रखने के विवादास्पद बयान के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा, मेरी मांग में नया क्या है? क्या हमारे पास 1965 तक समान ओहदे नहीं थे।
यह पूछे जाने पर कि क्या वह अनुच्छेद 370 और 35ए की रक्षा के लिए अन्य पार्टियों से गठबंधन करेंगे, उन्होंने कहा, संविधान के इन अनुच्छेदों की रक्षा के लिए क्या हम पिछली बार अल्ताफ बुखारी को मुख्यमंत्री बनाने पर सहमत नहीं हुए थे?
वह पिछले वर्ष नेशनल कांफ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के मुख्यमंत्री पद के लिए एकमत पर पहुंचने का संदर्भ दे रहे थे, जहां दोनों पार्टियां पीडीपी के वरिष्ठ नेता को मुख्यमंत्री बनाने पर सहमत हो गईं थीं। इसकी सूचना मिलने के बाद, राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पिछले वर्ष नवंबर में विधानसभा भंग कर दी थी।