नई दिल्ली : भारत में राजनीतिक दलों ने गूगल प्लेटफॉर्म्स पर 19 फरवरी से तीन अप्रैल तक 3.7 करोड़ रुपये खर्च कर 831 चुनावी विज्ञापन दिए हैं और इनमें सबसे आगे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 554 विज्ञापनों के लिए 1.21 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। गूगल इंडिया ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट ने गुरुवार को इसका खुलासा किया।
दूसरे स्थान पर वाई.एस. गजमोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी है जिसने 107 विज्ञापनों के लिए 1.07 करोड़ रुपये खर्च किए।
यूट्यूब सहित अन्य गूगल प्लेटफॉर्म्स पर कांग्रेस पार्टी ने आश्चर्यजनक रूप से 14 विज्ञापनों के लिए सिर्फ 54,100 रुपये खर्च किए।
चुनावी विज्ञापनों पर इस दौरान सबसे ज्यादा खर्चा (लगभग 1.73 करोड़ रुपये) आंध्र प्रदेश में हुआ, इसके बाद तेलंगाना (लगभग 72 लाख रुपये), उत्तर प्रदेश (लगभग 18 लाख रुपये) और महाराष्ट्र (लगभग 17 लाख रुपये) हैं।
रिपोर्ट में चुनाव संबंधी विज्ञापनों पर खर्च की गई राशि की जानकारी दी जाती है। कंपनी ने कहा, गूगल ने फरवरी में विज्ञापन नीति फरवरी में लागू की थी जिसमें भारत में चुनावी विज्ञापन चलाने के लिए भारत के निर्वाचन आयोग (ईसीआई) या उसके द्वारा अधिकृत किसी व्यक्ति द्वारा जारी पूर्व-प्रमाणपत्र उपलब्ध कराना पड़ता है।
कंपनी ने कहा, इसके बाद, गूगल अपने प्लेटफॉर्म पर विज्ञापनदाताओं के विज्ञापन चलाने से पहले उनकी पहचान की पुष्टि करता है। चुनावी विज्ञापनों में ज्यादा पारदर्शिता लाने के लिए गूगल ने भारत में राजनीतिक विज्ञापन पारदर्शिता रिपोर्ट तथा सर्च करने लायक राजनीतिक विज्ञापन लाइब्रेरी पेश की है।