पटना (आईएएनएस)| लोकसभा चुनाव के कारण बिहार में शहनाई की धुनों पर ब्रेक लग गया है। कई किशोर-किशोरियों के एक-दूजे के होने की तारीखें आगे सरक गई हैं। बिहार में लोकसभा चुनाव सभी सात चरणों में हो रहा है। चुनाव की लंबी प्रक्रिया के कारण मतदान की तिथियों और उस दौर में विवाह की तिथियों के एक ही दिन हो जाने के कारण लोग अब शदियों की तिथियां बदलने लगे हैं।
ज्योतिषियों का कहना है कि इस वर्ष अप्रैल और मई में विवाह के कई शुभ मुहूर्त हैं। पंडित जय कुमार पाठक बताते हैं कि 14 अप्रैल के बाद खरमास समाप्त हो जाएगा और उसके बाद से ही विवाह मुहूर्त प्रारंभ हो जाएगा।
पंडित सुधीर मिश्रा बताते हैं कि महावीर पंचांग के मुताबिक अप्रैल महीने में 11 दिन और मई महीने में 17 दिन विवाह के लिए अति शुभ मुहूर्त हैं, जबकि मिथिला पंचांग के मुताबिक भी इन दोनों महीनों में कई दिन विवाह के लिए शुभ मुहूर्त हैं।
अपनी पुत्री का विवाह तय कर चुके पटना के रामयश पांडेय कहते हैं, “चुनाव के दौरान सबसे ज्यादा संकट गाड़ियों का है। बेटी की शादी बेतिया में तय हुई है और तीन महीने पहले ही शादी की तिथि 12 मई निश्चित कर ली गई थी। लेकिन 12 मई को ही बेतिया में मतदान होना है। आज स्थिति यह है कि अब बारात लाने के लिए वहां गाड़ियां नहीं मिल रही हैं। इसलिए अब चुनाव बाद शादी की कोई नई तिथि तय करेंगे।”
वह कहते हैं, “वाहन मालिक गाड़ियों की मुहमांगी कीमत मांग रहे हैं। यही नहीं गाड़ियों को ले जाने के लिए प्रमाण-पत्र की आवश्यकता होगी। तिलक के लिए और परेशानी होगी, क्योंकि अगर आप पैसा ले जा रहे हैं और पकड़े गए तो उसका भी प्रमाण देना होगा।”
इधर, चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद ऐसे लोग भी परेशान हैं, जिन्हें विवाह में बैंड बाजा से लेकर लाउडस्पीकर, हाथी, ऊंट अैर घोड़ा का उपयोग करना है।
विवाह समारोह चुनावी आचार संहिता से बाहर होते हैं, परंतु लाउडस्पीकर, बैंडबाजा, हाथी-घोड़ा आचार संहिता के कानून के दायरे में आते हैं। इस कारण इसके उपयोग के पूर्व अनुमति लेनी होगी।
पटना के एक अधिकारी बताते हैं, “विवाह पर चुनाव आचार सिंहता लागू नहीं होता है। परंतु बैंड बाजा और लाउडस्पीकर बजाने के लिए प्रशासन से आदेश तो लेना ही होता है।”
गौरतलब है कि बिहार में लोकसभा चुनाव के सभी सात चरणों 11, 18, 23 और 29 अप्रैल को तथा छह, 12 और 19 मई को मतदान होने हैं।
चुनाव के कारण रिश्तेदारों को आने-जाने में भी परेशानी होगी। सबसे ज्यादा परेशानी उस दिन को लेकर हो रही है, जहां मतदान के ही दिन शादियों की तिथियां निश्चित हैं।
कम्युनिटी हॉल मालिकों और होटलों वालों के लिए भी विवाह के लिए शुभ मुहूर्त और चुनाव की तिथि परेशानी का सबब बन गया है।
दरभंगा के विद्यापति चौक स्थित डॉ़ वसुधा रानी विवाह भवन के उमेश कहते हैं कि अप्रैल और मई की शादियों के लिए 15 बुकिंग हैं। परंतु चुनाव तिथि की घोषणा के बाद लोग आकर अब इसमें बदलाव करने लगे हैं। उनका कहना है कि जिनके घर शादियां हैं, उन्हें अपने क्षेत्र में मतदान की तिथियों के साथ उस क्षेत्र में भी चुनावी तिथियों को मिलान करना पड़ रहा है, जहां से बारात आनी या जानी है।