पणजी : वीजा संबंधी विसंगतियों के कारण अपनी 11 साल की बेटी से अलग हुई 42 वर्षीय एक पोलिश महिला थाईलैंड में फंस गई है। उसकी बेटी फिलहाल यहां गोवा में अस्थायी अभिभावकों के पास है। महिला ने निराश होकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से ट्विटर पर मदद मांगी है।
24 मार्च को श्रीलंका से लौटने के बाद बहुप्रविष्टि बी-2 बिजनेस वीजा पर भारत पहुंची पोलिश कलाकार और फोटोग्राफर मार्ता कोटलार्सका को बेंगलुरू के केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे से लौटा दिया गया।
महिला ने कहा कि किसी गलतफहमी के कारण उसे उत्तराखंड के चमोली में विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) द्वारा काली सूची में डाल दिया गया। उसने कहा, हालांकि उन्होंने कानून के मुताबिक अपेक्षित जुर्माने का भुगतान कर दिया था।
वह गोवा से कुछ दिन पहले ही श्रीलंका के लिए रवाना हुई थी, क्योंकि भारत में रहने की उनकी 180 दिनों की तय समय-सीमा पूरी होने वाली थी और विदेशी नागरिकों को औपचारिक रूप से देश में फिर से प्रवेश करने के लिए वीजा नवीकरण मानदंडों की जरूरत होती है।
महिला ने थाईलैंड से फोन पर आईएएनएस को बताया, जब मैं श्रीलंका से लौट रही थी तो बेंगलुरू हवाईअड्डे पर मुझे भारत में प्रवेश करने से रोक दिया गया, जिससे मुझे धक्का लगा और मुझे बैंकॉक के लिए रवाना होना पड़ा। मुझे एक ऐसे गंतव्य के लिए रवाना होना था, जहां मुझे कोई जानता हो, मेरी समस्या सुलझा सके और भारतीय दूतावास में मेरा अनुरोध पहुंचा सके।
महिला ने अब मदद के लिए सुषमा स्वराज से गुहार लगाई है। महिला ने ट्वीट कर कहा, आदरणीय सुषमा स्वराज, मैं आपसे विनती करती हूं कि मेरी 11 साल की बेटी मुझसे अलग हो गई, क्योंकि मुझे भारत में प्रवेश नहीं दिया गया। कृपया गृह मंत्रालय के विदेश खंड से अनुरोध कीजिए कि मेरे मामले को प्राथमिकता के रूप में लें, क्योंकि नाबालिग बच्ची भारत में है, जहां वह अपनी मां के बिना पढ़ाई कर रही है।
यह महिला सितंबर, 2018 में गोवा की संस्कृति की तस्वीरे कैमरे में उतारने और तटीय राज्य में युवा और वृद्धों के बीच पीढ़ी के अंतर को पाटने के लिए एक फोटोग्राफी परियोजना पर काम करने गोवा आई थी।