नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने लोकसभा चुनाव के लिए सोमवार को जारी अपने घोषणापत्र में राम मंदिर के निर्माण के लिए संविधान के दायरे के भीतर सभी संभावनाओं का पता लगाने का संकल्प लिया।
इसमें यह भी कहा कि पार्टी सबरीमाला मंदिर मामले में आस्था और विश्वास से संबंधित मुद्दों पर संवैधानिक संरक्षण को सुरक्षित करेगी। पार्टी ने समान नागरिक संहिता लाने का वादा किया।
घोषणापत्र में कहा गया है, हम राम मंदिर पर अपना रुख दोहराते हैं। हम अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को आसान बनाने के लिए संविधान के दायरे के भीतर सभी संभावनाओं और सभी आवश्यक प्रयासों को खंगालेंगे।
इसमें कहा गया, हम यह सुनिश्चित करने के लिए हर प्रयास करेंगे कि सबरीमाला से संबंधित आस्था, परंपरा और पूजा अनुष्ठानों के विषय को सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष व्यापक तरीके से प्रस्तुत किया जाए। हम आस्था और विश्वास से संबंधित मुद्दों पर संवैधानिक संरक्षण को सुरक्षित करने का प्रयास करेंगे।
पार्टी ने वादा किया कि वह स्कूलों में संस्कृत के शिक्षण का विस्तार करेगी और इसे लोकप्रिय करेगी।
पार्टी ने कहा है, संविधान का अनुच्छेद 44 राज्य नीति निदेशक सिद्धांतों में से एक के रूप में समान नागरिक संहिता को सूचीबद्ध करता है। भाजपा का मानना है कि लैंगिक समानता तब तक नहीं हो सकती है जब तक कि भारत एक समान नागरिक संहिता को नहीं अपनाता है, जो सभी महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करे। भाजपा एक समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने के लिए अपने रुख को दोहराती है जिसमें सर्वश्रेष्ठ परंपराओं का आधुनिक समय के साथ समायोजिन होगा।
पार्टी ने कहा कि भारतीय संस्कृति की समृद्ध विविधता को प्रदर्शित करने और बढ़ावा देने के लिए पांच अलग-अलग राज्यों में हर साल भव्य पैमाने पर एक अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
भाजपा ने 11 अप्रैल से शुरू होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए सोमवार को अपना चुनावी घोषणापत्र जारी किया।