नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को राफेल मामले पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार द्वारा दर्ज की गई प्रारंभिक आपत्तियों को सर्वसम्मति से खारिज कर दिया। इसके साथ ही राफेल मामले में पुनर्विचार याचिका पर अब योग्यता के आधार पर सुनवाई होगी और अदालत इससे संबंधित प्रकाशित दस्तावेजों को देखेगी।
न्यायालय ने केंद्र सरकार की उन प्राथमिक आपत्तियों को खारिज कर दिया जिसमें उसने उन दस्तावेजों पर विशेषाधिकार का दावा किया था जो याचिकाकर्ताओं ने अदालत के दिसंबर 2018 के निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग के साथ पेश किए गए थे।
अदालत ने पहले दिए गए अपने निर्णय में 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद के मामले में सरकार को क्लीन चिट दे दी थी।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने अपने आदेश में कहा कि याचिकार्ताओं- पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा, पत्रकार से नेता बने अरुण शौरी और कार्यकर्ता-वकील प्रशांत भूषण द्वारा तीन दस्तावेजों के उपयोग पर केंद्र की प्रारंभिक आपत्तियों को खारिज कर दिया गया है।