नई दिल्ली :लोकसभा चुनाव के पहले चरण के तहत गुरुवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आठ सीटों के लिए मतदान होने हैं। भाजपा को इन सीटों पर समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी(बसपा) और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के गठबंधन के चलते कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ेगा। कांग्रेस भी यहां अच्छा प्रदर्शन करना चाहती और संभवत: पार्टी भाजपा और गठबंधन दोनों के वोट काटेगी।
सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर की आठ सीटों से कुल 1.5 करोड़ मतदाता हैं, जो अगले 24 घंटों से भी कम समय में सात चरणों के तहत होने वाले लोकसभा चुनाव के पहले चरण में मतदान करेंगे।
ये मतदाता राज्य की 80 लोकसभा सीटों के लिए 14 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं के करीब 10.45 प्रतिशत हैं।
उत्तर प्रदेश के पहले चरण का चुनाव महत्वपूर्ण है, क्योंकि पश्चिमी भाग में किसी भी तरह का ध्रुवीकरण भाजपा को फायदा पहुंचा सकता है। 2014 के लोकसभा चुनाव में देखा गया था कि ध्रुवीकरण से भाजपा को फायदा हुआ था।
तीन केंद्रीय मंत्री जनरल वी.के. सिंह(गाजियाबाद), सत्यपाल सिंह(बागपत), महेश शर्मा(गौतम बुद्ध नगर) चुनाव मैदान में हैं, जबकि राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के प्रमुख अजीत सिंह(मुजफ्फरनगर) और उनके बेटे जयंत चौधरी(बागपत) से उम्मीदवार हैं।
उत्तर प्रदेश की इन संसदीय क्षेत्रों पर नजर डालते हैं-
मुजफ्फरनगर : सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के उम्मीदवार रालोद प्रमुख अजीत सिंह यहां से पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बाल्यान के खिलाफ मैदान में हैं। यहां की पांचों विधानसभा क्षेत्रों में अच्छी-खासी मुस्लिम आबादी है। यहां करीब 17 लाख मतदाता हैं, जिनमें मुस्लिम 26 प्रतिशत, जाटव 15 प्रतिशत और जाट आठ प्रतिशत हैं।
इस क्षेत्र के लोगों का मानना है कि यह सीट दोनों नेताओं के लिए आसान नहीं होने वाली है।
गाजियाबाद : केंद्रीय मंत्री वी.के. सिंह यहां से दोबारा जीतना चाहते हैं, लेकिन उन्हें त्रिकोणीय मुकाबले का सामना करना पड़ेगा। सपा-बसपा-रालोद गठबंधन ने सुरेश बंसल को और कांग्रेस ने युवा व्यवसायी डॉली शर्मा को उम्मीदवार बनाया है।
गौतमबुद्ध नगर(नोएडा) : इस सीट पर महेश शर्मा का सामना कांग्रेस के अरविंद कुमार सिंह और सपा-बसपा-रालोद गठबंधन से बसपा उम्मीदवार सतवीर से होगा।
बागपत : केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह इस जाट बहुल इलाके से दोबारा जीत दर्ज करना चाहते हैं, जबकि रालोद नेता अजीत सिंह के बेटे जयंत चौधरी सपा-बसपा-रालोद उम्मीदवार के रूप में उनके खिलाफ लड़ रहे हैं।
सहारनपुर : भाजपा ने यहां से अपने मौजूदा सांसद राघव लखनपाल को उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस ने उनके खिलाफ इमरान मसूद को खड़ा किया है, जिन्होंने पिछले चुनाव में लखनपाल को कड़ी टक्कर दी थी, मगर 65,000 मतों से वह हार गए थे।
इन आठ संसदीय क्षेत्रों में 1,50,65,682 मतदाता हैं, जिनमें 82,24,835 पुरुष मतदाता और 68,39,833 महिला मतदाता हैं। गाजियाबाद सबसे बड़ा संसदीय क्षेत्र हैं, जहां 26,56,779 मतदाता हैं और बागपत सबसे छोटा संसदीय क्षेत्र है, जहां 1,592,297 मतदाता हैं।
चुनाव आयोग की वेबसाइट से प्राप्त आंकड़े के अनुसार, पिछले आम चुनाव में इन आठ संसदीय क्षेत्रों में कुल 1,39,04,381 मतदाता थे। इसका मतलब है कि इसमें 11,61,301(8.35 प्रतिशत) मतदाताओं की वृद्धि हुई है।