नई दिल्ली : भारत के सबसे अधिक पढ़े जाने वाले लेखकों में से एक रस्किन बॉन्ड का कहना है कि वह बच्चों के लिए लिखते समय कहानी में सकारात्मकता रखने की कोशिश करते हैं और एक लेखक के रूप में एक प्रकार की जिम्मेदारी महसूस करते हैं।
लंढोर में रहने वाले लेखक से पूछा गया कि वह अपने विशाल पाठक वर्ग के बारे में क्या सोचते हैं तो उन्होंने कहा कि चूंकि वह बच्चों के लिए बहुत कुछ लिखते हैं, इसलिए वे लेख व कहानी में सकारात्मकता रखने की कोशिश करते हैं।
84 वर्षीय पद्म भूषण से नवाजे जा चुके लेखक ने उत्तराखंड के मसूरी में एक बुकस्टोर की अपने साप्ताहिक दौरे के दौरान आईएएनएस को बताया, वयस्कों के लिए, यह कोई मायने नहीं रखता है, आप नकारात्मक पक्ष वाली बातें लिख सकते हैं, क्योंकि तब तक वे बड़े हो गए हैं, उन्होंने अपनी मासूमियत खो दी होती है।
द ब्लू अम्ब्रेला किताब के लेखक ने अपने बचपन की यादों के हिस्सों को साझा करते हुए बताया कि पहाड़ों के साथ उनका एक गहरा नाता है।
रस्किन बॉन्ड ने कहा, मैं पहाड़ियों से ताल्लुक रखता हूं। परिवेश बदल जाता है, स्थान थोड़ा बदल जाता है, लेकिन मेरा रिश्ता कमोबेश वैसा ही रहा, पहाड़ों और पहाड़ों के लोगों के लिए भावनाएं वैसी ही रहीं।
लंबी कतार में लगे अपने प्रशंसकों खासकर बच्चों के लिए धेर्यपूर्वक किताबें साइन कर रहें लेखक ने कहा, यह 50 साल या उससे ज्यादा पुरानी बात है। मुझे बहुत अधिक बदलाव पसंद नहीं है, एक तरह से मुझे बहुत अधिक इमारतें पसंद नहीं है, लेकिन यह अवश्यम्भावी है।
अब, बच्चों के लिए 14 हॉलीडे स्टोरीज का संकलन में द पफिन बुक ऑफ हॉलिडे स्टोरीज आ रहा है, जिसे बॉन्ड के कम उम्र के पाठकों द्वारा उनके अन्य साहित्यिक रत्नों में से एक माना जाएगा।
उनके नवीनतम बाल कहानी में साहसिक, हास्य, भूत, रहस्य, दोस्तों, आमों, पारिवारिक ड्रामा और छोटे लड़कों और लड़कियों की कहानियां है।
किताब पफिन द्वारा प्रकाशित किया गया है जो पब्लिशिंग हाउस पेंगुइन बुक्स से संबद्ध है। इसकी कीमत 250 रुपये रखी गई है।
अगर विख्यात लेखक-लेखिकाओं की कमी नहीं है जैसे रवींद्रनाथ टैगोर, सुधा मूर्ति, पारो आनंद, खिरुन्निसा ए, सुभद्रा सेन गुप्ता, नंदिनी नायर, प्रशांत पिंज, हिमांजली शंकर, नयनिका महतानी, शबनम मिनवाला, जेन डी सूजा, लुबाइना बंदुकवाला, मंजुला पद्मनाभन – बच्चों की किताबें बॉन्ड द्वारा एक परिचय के साथ आती है।
पुस्तिका में उनके संक्षिप्त परिचय में लिखा है, भारत में, बच्चों के लिए लेखन को पर्याप्त महत्व नहीं दिया जाता है और महान साहित्य के साथ बच्चों के मानसिक विकास से अधिक महत्वपूर्ण क्या हो सकता है?
अपने बाल मित्रों को कहीं भी जाने पर किताबों से भरा बैग ले जाने की सलाह देते हुए बॉन्ड ने कहा, कुछ पढ़े बिना छुट्टियां उबाऊ हो सकती हैं।