नई दिल्ली (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को निर्वाचन आयोग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह द्वारा कथित तौर पर नफरत फैलाने वाले बयानों या आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के मामले में कांग्रेस की शेष बची नौ शिकायतों पर निर्णय लेने के निर्देश दिए।
अदालत ने चुनाव आयोग से इस बाबत सोमवार (6 मई) को जवाब मांगा है। कांग्रेस की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत से कहा कि चुनाव आयोग कार्रवाई करने में बहुत देरी कर रहा है।
उन्होंने कहा, हमने तीन सप्ताह पहले शिकायत दर्ज कराई थी। उसके बाद दो चरण के चुनाव हो गए और फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई..हम उम्मीद करते हैं कि चुनाव समाप्त होने से पहले आयोग कोई कार्रवाई करेगा।
चुनाव आयोग की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने अदालत से कहा कि कांग्रेस के लिए यह बहुत आसान है कि किसी भाषण में से कुछ पक्तियों को चुनो और तुरंत आदर्श आचार संहिता का हवाला देकर चुनाव आयोग के पास पहुंच जाओ।
उन्होंने कहा, लेकिन हमें उस बयान के पूरे संदर्भ को देखना होगा, पूरे भाषण को देखना होगा। यह कठिन है और इसलिए इसमें समय लग रहा है।
द्विवेदी ने अदालत से सोमवार को अगले चरण के चुनाव का हवाला देते हुए मोदी और शाह के विरुद्ध शिकायतों पर निर्णय लेने के लिए बुधवार तक का समय मांगा।
आयोग ने 11 शिकायतों में से दो पर निर्णय लिया है और शेष नौ शिकायतों पर कोई निर्णय नहीं लिया है। आयोग ने महाराष्ट्र के वर्धा में एक अप्रैल और लातूर में नौ अप्रैल को प्रधानमंत्री के भाषण के संदर्भ में क्लीनचिट दे दी थी।
अदालत ने हालांकि आयोग की दलील को खारिज कर दिया और कहा कि सोमवार तक इस पर निर्णय लेने के लिए पर्याप्त समय है।
न्यायालय इसके अलावा सशस्त्र सेनाओं के संबंध में मोदी और शाह द्वारा कथित रूप से आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव की याचिका पर भी सोमवार को सुनवाई करेगा।