नई दिल्ली : वित्त मंत्रालय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की पूंजी की जरूरतों की समीक्षा सितंबर के बाद करेगा और जुलाई में आम बजट पेश की जा सकती है जिसमें पुनर्पूजीकरण के लिए अलग से आवंटन किया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि अंतरिम बजट में अप्रैल से लेकर जुलाई तक किसी भी प्रकार के पुनर्पूजीकरण का प्रावधान नहीं है क्योंकि बैंकों को सितंबर तक के लिए पर्याप्त पूंजी प्रदान की गई है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, सितंबर तक (दूसरी तिमाही के अंत तक) विनियामक संबंधी जरूरतों के लिए पूंजी की स्थिति और 2018-19 में धन प्राप्त करने वाले सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों की संवृद्धि की तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी।
कमजोर बैंकों के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के फ्रेमवर्क से निकलने के लिए शेष पीसीए (त्वरित सुधार कार्य) बैंकों को नए सिरे से वित्तपोषण की जरूरत होगी। लेकिन इसके लिए बैंकों को पीएसी से बाहर निकलने के लिए आवश्यक प्रदर्शन मानक के लक्ष्य को पूरा करना होगा और प्रदर्शन में सुधार करना होगा।
फरवरी 2019 में सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों की विनियामक पूंजी जरूरतों और वित्तीय विकास योजनाओं में मदद करने के लिए उनमें 48,239 करोड़ रुपये की पूंजी डालने की घोषणा की थी।